सीमावृति जिलों से बढ़ रही तस्करी राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा गंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, भरतपुर जैसे सीमावृति जिलों में है, जिसका कारण इनका मुख्य ऑयल डिपो से दूर होना है। फिलहाल कंपनियों का मुख्य डिपो जोधपुर है। सीमावृति
जिलों में रोजाना ड्रमों के जरिए लाखों लीटर पेट्रोल-डीजल की तस्करी हो रही है।
राजस्थान में तीन साल से लगातार बिक्री में गिरावट राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की बिक्री लगातार घट रही है। तीन साल पहले राज्य में 460 करोड़ लीटर सालाना पेट्रोल डीजल की खपत हो रही थी, जो घटकर 420 करोड़ लीटर रह गई है, यानी सरकार को 40 करोड़ लीटर पर मिलने वाले वैट का नुकसान हो रहा है।
राजस्थान में भी पेट्रोल-डीजल पर वैट दरें घटानी चाहिए राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित बगई ने बताया कि हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री ने लोकसभा में आइओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल की राज्यवार बिक्री आंकड़े पेश किए, जिनमें राजस्थान की ग्रोथ पिछले पांच से नकारात्मक चल रही है। बगई ने कहा कि पड़ौसी राज्यों की तरह राजस्थान में भी पेट्रोल-डीजल पर वैट दरें घटानी चाहिए, जिससे सरकार राजस्व बढ़े और कंपनियों को भी घाटा न उठाना पड़े।
रोड सेस की भी मार राजस्थान में पेट्रोल पर 26 प्रतिशत और डीजल पर 18 प्रतिशत वैट है। हालांकि इस पर 1.5 रुपए से 1.75 रुपए प्रति लीटर रोड सेस भी लगा दिया जाता है, जिससे पेट्रोल पर 28 फीसदी और डीजल पर 19.5 फीसदी तक हो जाता
है।