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हवाई के बजाय ट्रेन से यात्रा को चुना पहली प्राथमिकता

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2018 09:45:49 pm

Submitted by:

Harshit Jain

-पहली दीन दयाल वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा ट्रेन के रामेश्वरम से जयपुर पहुंचनें पर परिवारजनों ने किया स्वागत

jaipur

हवाई के बजाय ट्रेन से यात्रा को चुना पहली प्राथमिकता

जयपुर. तीर्थ यात्रा के आवेदन में यात्रियों का रुझान रेल यात्रा की तरफ ज्यादा रहा और लगभग 37 हजार यात्रियों ने ट्रेन से जाने का विकल्प चुना जबकि केवल 23 हजार यात्रियों ने हवाई यात्रा का विकल्प चुना। सरकार ने केवल 2000 यात्रियोंं को ट्रेन और 7500 यात्रियों को हवाईजहाज से भेजने का निर्णय लिया। इस साल की पहली दीन दयाल वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा ट्रेन रामेश्वरम के लिए भेजी गई। लेकिन ट्रेन में इस बार 1000 की बजाय 1080 यात्रियों ने यात्रा की। जानकारी के मुताबिक विभाग आरक्षित सूची के बाद भी रिजर्व सूची के यात्री को बुलाता है ताकि मुख्य सूची के यात्री नहीं आने की वजह पर इस सूची से यात्रियों को भर सके।
ट्रेन द्वारा ही थी मूल योजना
बीते साल की बात की जाए तो 20000 यात्रियों को यात्रा करवाने के लिए राशि मिली थी परंतु इस बार 10000 यात्रियों को यात्रा करवाने के लिए राशि विभाग को मिली है। विभाग के पूर्व अधिकारी के मुताबिक सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना मूल रूप से ट्रेन द्वारा ही थी जिसका मूल उद्देश्य ना केवल बुजुर्ग यात्रियों को तीर्थ करवाना था बल्कि विभिन्न जातियों और सम्प्रदाय के एक साथ हजारों परिवारों के वरिष्ठतम सदस्यों को यात्रा के जरिए सामाजिक सदभाव को बढ़ाना था। अन्य राज्यों में ट्रेन यात्रा की सुविधा यात्रियों को दी जा रही है। परंतु राजस्थान में बीते कई साल से इसमें बदलाव किया गया है।
परिवारजनों ने किया स्वागत
पहली दीन दयाल वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा ट्रेन मंगलवार को रामेश्वरम से जयपुर पहुंची। दुर्गापुरा रेल्वे स्टेशन पर बैंड बाजो के बीच माला पहनाकर और गुलाल लगाकर परिवारजनों ने अपने परिजनों का स्वागत किया।

वर्जन
हर व्यक्ति ट्रेन के लिए आवेदन करता है, ट्रेन में बुजुर्ग सहलूयित के साथ सफर को ज्यादा बेहतर मानते है। १००० यात्री हो तब पूरी ट्रेन बुक होती है। जबकि हवाईयात्रा में जितने यात्री जाना चाहे विभाग उसका भुगतान करता है। वहीं आबादी और आवेदन के अनुपात में कोटा तय किया जाता है। इसके बाद लॉटरी निकाली जाती है।
-कृष्णकांत पाठक, शासन सचिव, देवस्थान विभाग
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