सवालों में शिक्षा प्रणाली विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने शिक्षा विभाग के बिडला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में कहा कि वर्तमान में शिक्षित बेरोजगार देश की सबसे बड़ी समस्या हैं। उन्होंने कहा कि देश के युवा शिक्षित हैं, तो बेरोजगार नहीं होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा पद्धति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि शिक्षित बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण वर्तमान में जो शिक्षा दी जा रही है, वह रोजगार से संबंधित नहीं है। विधानसभा में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी पाने के लिए पीएचडी धारकों ने आवेदन किया है। यह स्थिति राष्ट्रहित के लिए चिंतादायक है।
सरकारी नौकरियों के पीछे दौड़ रहे युवा मेघवाल ने बताया कि अंग्रेंजो ने मैकॉले की पद्धति इतनी हावी कर दी कि आर्यवत्त की शिक्षा पद्धति गौण हो गई। हम शेक्सपीयर को पढ़ रहे हैं, मगर भारत का साहित्य भूल गए। मैकॉले की पद्धति के कारण ही हमारी मानसिकता सरकारी नौकरी पाने की हो गई है। इस क्षेत्र में गहन चिंतन की आवश्यकता है। पहले बच्चे को शिक्षा दी जाए। शिक्षा पाने के बाद देखा जाए कि कौन-किस क्षेत्र में जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नए आईएएस का एक ग्रुप आया था। उनमें से 6-7 लोग डॉक्टर या तकनीकी की पढ़ाई करने वाले थे। मगर अब उन्होंने आईएएस व आईपीएस की नौकरी चुनी। जहां तकनीक कोई काम नहीं आएगी। यह स्थिति राष्ट्र के लिए ठीक नहीं है, जो आगे चलकर देश के लिए दोहरा नुकसान है। राष्ट्र स्तर पर इसके लिए चिंतन हो रहा है। आईएएस के सिलेबस बदले जा रहे हैं। लेकिन पूरी शिक्षण प्रकिया पर ही नए तरीके से चिंतन की आवश्यकता है।