नई दिल्ली सीट पर कुल 96 नामांकन
दिल्ली की सबसे हाई प्रोफाइल माने जाने वाली नई दिल्ली सीट पर भी सबसे ज्यादा 96 लोगों ने पर्चे भरे हैं। नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को नई दिल्ली सीट पर 66 पर्चे भरे गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीजेपी के सुनील यादव और कांग्रेस के रोमेश सभरवाल ने भी मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किए। दिल्ली में 1993 से अभी तक सातवीं बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए 14 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई और 21 जनवरी तक चली। इस दौरान दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए कुल 1473 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। अब तक का दिल्ली में यह सबसे ज्यादा नामांकन है। हालांकि चुनाव आयोग देर रात नामांकन पत्रों की गिनती करता रहा, ऐसे में इस संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
दिल्ली की सबसे हाई प्रोफाइल माने जाने वाली नई दिल्ली सीट पर भी सबसे ज्यादा 96 लोगों ने पर्चे भरे हैं। नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को नई दिल्ली सीट पर 66 पर्चे भरे गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीजेपी के सुनील यादव और कांग्रेस के रोमेश सभरवाल ने भी मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किए। दिल्ली में 1993 से अभी तक सातवीं बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए 14 जनवरी से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई और 21 जनवरी तक चली। इस दौरान दिल्ली की सभी 70 सीटों के लिए कुल 1473 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किए। अब तक का दिल्ली में यह सबसे ज्यादा नामांकन है। हालांकि चुनाव आयोग देर रात नामांकन पत्रों की गिनती करता रहा, ऐसे में इस संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
पहले चुनाव में हुए थे 1316 नामांकन
दिल्ली में पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में सभी कुल 1316 लोगों ने नामांकन किया था, जिसमें 1257 पुरुष और 59 महिलाएं शामिल थीं। ये अब तक का सबसे ज्यादा कैंडिडेट के नामांकन पर्चा भरने का रिकॉर्ड था, जो इस बार टूट गया है। दिल्ली में दूसरी बार 1998 में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में सभी 70 सीटों के लिए कुल 1052 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इसमें 977 पुरुष और 75 महिलाएं शामिल थीं। इसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में 1001 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। इनमें 897 पुरुष और 104 महिला कैंडिडेट शामिल थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2008 में 1134 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र किया था। इसमें 1000 पुरुष और 134 महिलाएं शामिल थीं। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 1120 लोग मैदान में किस्मत आजमाने उतरे थे, जिनमें 964 पुरुष और 156 महिलाएं शामिल थीं।
दिल्ली में पहली बार 1993 में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में सभी कुल 1316 लोगों ने नामांकन किया था, जिसमें 1257 पुरुष और 59 महिलाएं शामिल थीं। ये अब तक का सबसे ज्यादा कैंडिडेट के नामांकन पर्चा भरने का रिकॉर्ड था, जो इस बार टूट गया है। दिल्ली में दूसरी बार 1998 में विधानसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में सभी 70 सीटों के लिए कुल 1052 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इसमें 977 पुरुष और 75 महिलाएं शामिल थीं। इसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में 1001 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। इनमें 897 पुरुष और 104 महिला कैंडिडेट शामिल थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2008 में 1134 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र किया था। इसमें 1000 पुरुष और 134 महिलाएं शामिल थीं। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 1120 लोग मैदान में किस्मत आजमाने उतरे थे, जिनमें 964 पुरुष और 156 महिलाएं शामिल थीं।
पिछलेे चुनाव में सबसे कम थे नामांकन
दिल्ली में सबसे कम कैंडिडेट 2015 के विधानसभा चुनाव में उतरे थे। 2015 के चुनाव में कुल 70 सीटों के लिए कुल 935 लोगों ने नामांकन किया था, जिनमें 790 पुरुष और 144 महिलाएं मैदान में उतरी थीं। दिल्ली के सियासत में अब तक के 27 साल के रिकॉर्ड में इस बार सबसे ज्यादा लोगों ने नामांकन किया है।
दिल्ली में सबसे कम कैंडिडेट 2015 के विधानसभा चुनाव में उतरे थे। 2015 के चुनाव में कुल 70 सीटों के लिए कुल 935 लोगों ने नामांकन किया था, जिनमें 790 पुरुष और 144 महिलाएं मैदान में उतरी थीं। दिल्ली के सियासत में अब तक के 27 साल के रिकॉर्ड में इस बार सबसे ज्यादा लोगों ने नामांकन किया है।