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बाघों की राह में रोड़ा नहीं बनेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे

locationजयपुरPublished: Feb 26, 2020 12:12:22 am

Submitted by:

vinod

केंद्र सरकार (central government) के भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) के तहत बनने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सपे्रस वे (Delhi-Mumbai Expressway) अब बाघों की राह में रोड़ा नहीं बनेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने प्रोजेक्ट में बदलाव करते हुए मुकुंदरा में पांच किमी लम्बा अंडरग्राउंड हाइवे (Underground highway) बनाने का फैसला लिया है।

बाघों की राह में रोड़ा नहीं बनेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे

बाघों की राह में रोड़ा नहीं बनेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे

सवाईमाधोपुर। केंद्र सरकार (central government) के भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) के तहत बनने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सपे्रस वे (Delhi-Mumbai Expressway) अब बाघों की राह में रोड़ा नहीं बनेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) के आस-पास के क्षेत्र में बाघों के स्वच्छंद विचरण को देखते हुए प्रोजेक्ट में बदलाव करते हुए मुकुंदरा में पांच किमी लम्बा अंडरग्राउंड हाइवे (Underground highway) बनाने का फैसला लिया है। एनएचएआई की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। पूर्व में इसमें दरा व भवानीमंडी का एरिया शामिल किया गया था। अब रूट में बदलाव किया गया है।
मुकुंदरा होगा पहला टाइगर रिजर्व

अंडर ग्राउंड हाइवे का काम शुरू होने के बाद कोटा का मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रदेश का पहला ऐसा टाइगर रिजर्व होगा, जहां से बाघों के स्वच्छंद विचरण को देखते हुए अंडर ग्राउंड हाइवे का निर्माण होगा। इस संबंध में गत दिनों कोटा में एनएचएआई और वनाधिकारियों की बैठक हुई थी।
वन्यजीवों को नहीं होगा दखल
दिल्ली-मुंबई एक्सपे्रस वे केतहत मुकुंदरा में आठ लाइन का हाइवे बनाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन वन्यजीवों के विचरण को देखते हुए एनएचएआई को वन विभाग की ओर से एनओसी नहीं दी गई थी और वनाधिकारियों ने एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव करने व अन्य विकल्पों को तैयार करने के लिए कहा था। इसके बाद अब टनल के रूप में पांच किमी लम्बा अण्डरग्राउण्ड हाइवे बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
बफर जोन के एक किमी दूर से किया जाएगा निर्माण

हाइवे का निर्माण अब रणथम्भौर के बफर जोन इंद्रगढ़ के एक किमी दूर से किया जाएगा। ताकि बाघों के विचरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़े। इंद्रगढ़ व लाखेरी के बीच भी बफर जोन की सीमा से एक किमी दूरी से सड़क का निर्माण किया जाएगा। ऐसे में अब दो टाइगर रिजर्व व एक अभयारण्य (रणथम्भौर-मुकुंदरा व बूंदी का रामगढ़ विषधारी अभयारण्य) का कॉरिडोर नहीं टूटेगा और बाघों के विचरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हाइवे में सवाईमाधोपुर की तीन तहसीलें शामिल

जानकारी के अनुसार हाइवे जिले की तीन तहसीलों के 32 गांवों से होकर गुजरेगा। इसमें बौंली के 16, चौथ का बरवाड़ा के 6 व सवाईमाधोपुर तहसील के 10 गांव शाामिल है। इसके अलावा इसमें कोटा जिले की चार तहसीलों के ६६ गांव शामिल है। इसमें दीगोद तहसील के 29, लाड़पुरा के 19, कनवास का एक व राजामण्डी के 17 गांव शामिल है। इसी प्रकार अलवर जिले की तीन तहसीलों के 56 गांव शामिल है। इसमें लक्ष्मणगढ़ तहसील के 25 रामगढ़ के 9, रैणी के 22 गांव शामिल है। वहीं भरतपुर की एक तहसील नगर के 4 गांव भी हाइवे की सीमा में आएंगे। टोंक की उनियारा तहसील के 9 गांव, बूंदी के इंद्रगढ़ तहसील के 20 गांव हाइवे की सीमा में आएंगे।

इनका कहना है…

बाघों के विचरण को देखते हुए हमने एनएचएआई को टनल निर्माण का सुझाव दिया था। एनएचएआई ने टनल निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे बाघों व अन्य वन्यजीवों का विचरण प्रभावित नहीं होगा।
– आनंद मोहन, सीसीएफ, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कोटा

हाइवे निर्माण से बाघों का विचरण क्षेत्र व टाइगर कॉरिडोर डिस्टर्ब हो रहा था। ऐसे में हमने आपत्ति जताई थी। अब बफर जोन से एक किमी दूर से हाइवे निर्माण व मुकुंदरा में टनल का निर्माण करना प्रस्तावित है।
– जीवी रेड्डी, पीसीसीएफ (हैड ऑफ दा फोरेस्ट फोर्स), जयपुर

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