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दिल्ली-मुंबई अब नहीं पसंद, ट्रेनों को नहीं मिले रहे यात्री

locationजयपुरPublished: Jun 19, 2020 11:23:18 pm

Submitted by:

vinod vinod saini

दिल्ली व मुंबई (Delhi and Mumbai) में कोरोना (Corona) वायरस का संक्रमण ज्यादा होने के कारण लॉकडाउन (Lockdown) खुलने के बाद भी लोग इन शहरों में जाना पसंद नहीं कर रहे। कोटा से सबसे ज्यादा ट्रेनें (trains) इन्हीं शहरों के लिए चलती हैं। अब इन शहरों में जाने वाले यात्रियों ( passengers) की संख्या में काफी कमी आई है।

दिल्ली-मुंबई अब नहीं पसंद, ट्रेनों को नहीं मिले रहे यात्री

दिल्ली-मुंबई अब नहीं पसंद, ट्रेनों को नहीं मिले रहे यात्री

कोटा। दिल्ली व मुंबई (Delhi and Mumbai) में कोरोना (Corona) वायरस का संक्रमण ज्यादा होने के कारण लॉकडाउन (Lockdown) खुलने के बाद भी लोग इन शहरों में जाना पसंद नहीं कर रहे। कोटा से सबसे ज्यादा ट्रेनें (trains) इन्हीं शहरों के लिए चलती हैं, इसका कारण यह है कि इन शहरों में रोजाना जाने वालों की संख्या सालों से ज्यादा रही है। अब इन शहरों में जाने वाले यात्रियों ( passengers) की संख्या में काफी कमी आई है।
कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी दिल्ली जाने वालों के लिए सबसे सुगम ट्रेन रही है, लेकिन इस ट्रेन को पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल रहा है। करीब 2243 यात्रियों की क्षमता वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस में औसत 500 से 600 यात्री सफर कर रहे हैं। किसी-किसी दिन तो 22 कोच की इस ट्रेन में पांच कोचों के बराबर यात्री भार रहता है। सामान्य दिनों में कोटा-निजामुद्दीन जनशताब्दी एक्सप्रेस से 10 दिनों में 50 लाख रुपए की आय होती है, लेकिन लॉकडाउन के बाद दस दिनों की औसत आय 28 लाख रुपए ही रह गई।
इसी तरह निजामुद्दीन-कोटा जनशताब्दी की दस दिनों की औसत आय 50 लाख है, लेकिन अब यह 16 लाख पर सिमट कर रह गई है। यात्रियों की संख्या 20 प्रतिशत तक ही रह गई है।
अमृतसर-बान्द्रा पश्चिम एक्सप्रेस की दस दिन की औसत आय 1 करोड़ 50 लाख है, लेकिन लॉकडाउन के बाद स्पेशल के रूप में चलाई जा रही इस ट्रेन की आय 73 लाख पर सिमटकर रह गई। इससे मुंबई जाने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है।
मुंबई से लौटने वालों की संख्या ज्यादा
जब टे्रन का संचालन शुरू हुआ, तब मुंबई से लौटने वालों की संख्या ज्यादा रही। बांद्रा-अमृतसर एक्सप्रेस में सामान्य दिनों में 10 दिन की औसत आय 1 करोड़ 38 लाख रहती है, लेकिन लॉकडाउन के बाद मुंबई से बड़ी संख्या में लोग लौटे। इस कारण दस दिन की औसत आय 1 करोड़ 44 लाख रही। शुरुआत के दस दिनों में मुंबई से करीब करीब 15 हजार यात्री लौटे।
मुंबई जाने वाला यात्री भार घटा
अमृतसर-मुंबई स्वर्ण मंदिर मेल एक्सप्रेस से सामान्य दिनों में 8 दिन में औसत 1 करोड़ 25 लाख रुपए की आय होती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद इस ट्रेन को स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाया जा रहा है तो आठ दिन की औसत आय 54 लाख रुपए ही रह गई। मुंबई का यात्री भार घटने के कारण ऐसा हुआ।
कोविड के चलते कुछ ही ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इन दिनों माल परिवहन से होने वाली आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मई माह में कोटा रेल मंडल की रेकार्ड आय हुई है।
– विजय प्रकाश, सीनियर डीसीएम, कोटा

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