जयपुर में प्रदूषण लाल निशान पर
वहीं, दीपावली पर फोड़े गए पटाखों के बारूद का धुंआ आज भी गुलाबी नगर की आबोहवा से नहीं हटा है। हवा में प्रदूषण मापने वाले एयर क्वालिटी इंडेक्स का आंकड़ा आज सुबह 315 दर्ज किया गया। इसका मतलब ये है कि जयपुर में प्रदूषण का स्तर लाल निशान पर है। कल एक्यूआइ का आंकड़ा 336 तक पहुंच गया था। आज सुबह जयपुर की हवा में प्रति डायमीटर पार्टिकुलेट मैटर्स 2.5 एमएम की संख्या 315 दर्ज की गई। सुबह 6 बजे जयपुर का एक्यूआइ 304 था, जो साढ़े 8 बजे बढ़कर 315 तक पहुंच गया। हवा में पार्टिकुलेट मैटर्स 2.5 एमएम की संख्या 100 के स्तर को अच्छा माना जाता है।
वहीं, दीपावली पर फोड़े गए पटाखों के बारूद का धुंआ आज भी गुलाबी नगर की आबोहवा से नहीं हटा है। हवा में प्रदूषण मापने वाले एयर क्वालिटी इंडेक्स का आंकड़ा आज सुबह 315 दर्ज किया गया। इसका मतलब ये है कि जयपुर में प्रदूषण का स्तर लाल निशान पर है। कल एक्यूआइ का आंकड़ा 336 तक पहुंच गया था। आज सुबह जयपुर की हवा में प्रति डायमीटर पार्टिकुलेट मैटर्स 2.5 एमएम की संख्या 315 दर्ज की गई। सुबह 6 बजे जयपुर का एक्यूआइ 304 था, जो साढ़े 8 बजे बढ़कर 315 तक पहुंच गया। हवा में पार्टिकुलेट मैटर्स 2.5 एमएम की संख्या 100 के स्तर को अच्छा माना जाता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ी
दीपावली पर पटाखे फोड़ने से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन जयपुर में दीपावली की रात एक बजे तक पटाखे फोड़े गए। यही नहीं गोवर्धन पूजा की शाम भी जमकर पटाखे चले। बीती रात भी करीब 12 बजे तक पटाखे फोड़ने का सिलसिला चला। लोगों ने प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक पटाखों का जमकर उपयोग किया। बड़ी मात्रा में धुंआ उगलने वाले पटाखों के कारण जयपुर की हवा प्रदूषित हो गई है।
दीपावली पर पटाखे फोड़ने से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन जयपुर में दीपावली की रात एक बजे तक पटाखे फोड़े गए। यही नहीं गोवर्धन पूजा की शाम भी जमकर पटाखे चले। बीती रात भी करीब 12 बजे तक पटाखे फोड़ने का सिलसिला चला। लोगों ने प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक पटाखों का जमकर उपयोग किया। बड़ी मात्रा में धुंआ उगलने वाले पटाखों के कारण जयपुर की हवा प्रदूषित हो गई है।
एक्यूआइ 300 से ज्यादा मतलब आपके अंदर 6 सिगरेट पीने जितना धुंआ
सिंपल भाषा में कहें तो जब एक्यूआइ का आंकड़ा 300 से ज्यादा हो तो इसका अर्थ ये है कि जब कोई व्यक्ति ऐसी हवा में 24 घंटे तक सांस लेता है, तो उसके फेफड़ों में उतना धुंआ पहुंच जाता है जितना 6 से 8 सिगरेट पीने से जाता है। इससे आप हवा में प्रदूषण के असर का अंदाजा लगा सकते हैं। जयपुर की हवा में पटाखों के बारूद और धुएं के कारण छोटे कणों की मात्रा बढ़ गई है। इसके कारण श्वास रोग से पीड़ित लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शहर के जिन इलाकों में ज्यादा पटाखे छोड़े गए थे, वहां पर सांस लेने के दौरान पटाखों का धुंए की गंध महसूस की जा सकती है।
सिंपल भाषा में कहें तो जब एक्यूआइ का आंकड़ा 300 से ज्यादा हो तो इसका अर्थ ये है कि जब कोई व्यक्ति ऐसी हवा में 24 घंटे तक सांस लेता है, तो उसके फेफड़ों में उतना धुंआ पहुंच जाता है जितना 6 से 8 सिगरेट पीने से जाता है। इससे आप हवा में प्रदूषण के असर का अंदाजा लगा सकते हैं। जयपुर की हवा में पटाखों के बारूद और धुएं के कारण छोटे कणों की मात्रा बढ़ गई है। इसके कारण श्वास रोग से पीड़ित लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शहर के जिन इलाकों में ज्यादा पटाखे छोड़े गए थे, वहां पर सांस लेने के दौरान पटाखों का धुंए की गंध महसूस की जा सकती है।
आज किस शहर में कितना प्रदूषण
भिवाड़ी — पीएम 2.5 एमएम का स्तर खतरनाक (500)
कोटा — पीएम 2.5 एमएम का स्तर खतरनाक (400)
जोधपुर — पीएम 2.5 एमएम का स्तर बहुत खराब (384)
जयपुर — पीएम 2.5 एमएम का स्तर बहुत खराब (315)
ये है एक्यूआई का मतलब
0 से 100 — अच्छा
101 से 200 — ठीकठाक
201 से 300 — खराब
301 से 400 — बहुत खराब
400 से 500 — खतरनाक
0 से 100 — अच्छा
101 से 200 — ठीकठाक
201 से 300 — खराब
301 से 400 — बहुत खराब
400 से 500 — खतरनाक