ट्रेन में मुंबई से दिल्ली जा रहे यात्री अमित ने बताया कि ट्रेन तड़के करीब चार बजे अजमेर पहुंचीं। यहां ठहराव के बाद जैसे ही ट्रेन जयपुर के लिए रवाना हुई थोड़ी देर में एसी के कोच संख्या जी-4 के एक टॉयलेट से अचानक धुआं निकलने लगा। सुबह का समय होने से अधिकांश यात्री सो रहे थे। जैसे ही धुआं डिब्बे में फैला तो, यात्री आग लगने की घटना समझ दहशत में आ गए। कोई सामान उतारने लगा तो, कोई बच्चों को जगाने लगा। बच्चों व महिलाओं की रुलाई फूट गई।
समय रहते बुझाई आग एक यात्री ने सूझबूझ दिखाते हुए टॉयलेट का गेट खोलकर देखा तो उसमें कूड़ेनुमा प्लास्टिक की थैली व कागज जल रहे थे। उस पर पानी डालकर बुझाया। गनीमत रही कि कचरा कम था, जिससे आग फैली नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। यात्रियों ने रेलवे हेल्प लाइन में सूचनी दी लेकिन ट्रेन में कोई सुरक्षा गार्ड नहीं था। यात्रियों ने चेन खींची और टीटीई को मामले अवगत कराया तो उसने भी हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद रेलवे को ट्वीट किए।
पकड़ा युवक, बताया मंदबुद्धि आग लगने के बाद जब यात्रियों ने दूसरे डिब्बे में जाकर तो देखा तो वहां यात्री एक 38 वर्षीय युवक को पीट रहे थे। उसने महिला यात्री से बदतमीजी की थी। उससे पूछताछ की तब उसने टॉयलेट में कचरा जलाने की बात भी कबूली। इसके बाद यात्री उसे दबोचे रहे। जयपुर जंक्शन पर करीब छह बजे ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर पहुंची तब उसे जीआरपी और रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को सौंप दिया। इधर स्टेशन पर कार्यरत आरपीएफ अधिकारियों का कहना है उसे जीआरपी फुलेरा लेकर गई है। अभी उसके परिजन व पता मालूम कर रहे हैं। वह मंदबुद्धि बताया गया है।
यात्री बोले- गंभीर मामला फिर भी हल्के में ले गए यात्रियों का आरोप है कि इतना गंभीर मामला होने के बाद भी रेलवे प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। महज खानापूर्ति में ही जुटे रहे जबकि उसके खिलाफ शिकायत भी दी गई थी। उसका भी लिखित में कोई प्रमाण नहीं मिला। बल्कि उक्त व्यक्ति को मंदबुद्धि बताकर खानापूर्ति कर दी। अगर सतर्क न रहते तो बड़ी घटना हो सकती थी।