scriptहाथियों की स्थिति में सुधार की मांग | Demand for improvement in elephant status | Patrika News
जयपुर

हाथियों की स्थिति में सुधार की मांग

अल्बर्ट हॉल के बाहर रैली निकालीसरकार से की हाथियों की रक्षा की मांगहेल्प इन सफरिंग के साथ कई संगठन हुए शामिल

जयपुरOct 01, 2020 / 07:20 pm

Rakhi Hajela

हाथियों की स्थिति में सुधार की मांग

हाथियों की स्थिति में सुधार की मांग

हाथी गांव में चार हाथियों की मौत, महावतों के पास आय का कोई स्त्रोत नहीं होने और हाथियों के लगातार गिरते स्वास्थ्य को लेकर आज हेल्प इन सफरिंग और एंजेल आइज़ की अगुवाई विभिन्न संगठनों ने अल्बर्ट हॉल के बाहर रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने सरकार से मांग की कि वह हाथियों की रक्षा करें और उन्हें विरासत व पर्यटन के नाम पर मरने नहीं दें। उनका कहना था कि पिछले कुछ सालों में २० हाथियों की मौत हुई है इसमें से चार हाथियों की मौत पिछले कुछ माह में हुई है। हाथी गांव में कई तरह की बीमारियां फैली हुई हैं, जो हाथियों को मार रही हैं। वन विभाग पूरे मामले को ढकने की कोशिश कर रहा है और अपनी नाक के नीचे होने वाले वन्यजीव व्यापार को बचाने का प्रयास कर रहा है। वन्यजीवों की रक्षा करना ही वन विभाग का उद्देश्य है।
हाथियों को हुआ टीबी, अंधे भी हुए हाथी
हाल ही में एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाथी गांव के 102 हाथियों में से 19 हाथी एकतरफ दाईं या बाईं आंख या फिर दोनों आंखों से नहीं देख पा रहे हैं। वह कोई भी काम करने के लिए अनफिट हैं। अगर ऐसे जानवरों का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर और सवारी के लिए किया जाता है तो वह आमजीवन की सुरक्षा के लिए खतरा है। इसके अलावा 91 हाथियों की टीबी की जांच में 10 हाथियों में ट्यूबरक्लॉसिस पॉजिटिव पाया गया। फिर भी उन्हें अन्य हाथियों के मध्य रहने की अनुमति दी गई और टूरिस्ट्स की सवारी के उपयोग में लिया गया। टीबी एक जूनोटिक बीमारी है जिससे इंसानों और जानवरों के लिए खतरा है। वर्ष २०१८ में 4 हाथियों में से दो, हाथी नंबर 99 और 64 रानी और चंचल में एडब्ल्यूबीआई निरीक्षण के दौरान ट्यूबरक्लॉसिस पॉजिटिव आया था, लेकिन वन विभाग ने उन्हें कुछ ही माह में टीबी मुक्त घोषित कर दिया जबकि वास्तव में किसी भी हाथी को टीबी से उबारने में कम से कम छह से १२ महीने का गहन उपचार करना पड़ता है। ये तथ्य चिंताजनक हैं। न तो वन विभाग, न पशुपालन विभाग और न ही मालिक इन मौतों के लिए जिम्मेदारी ले रहे हैं। कार्यकर्ताओं को डर है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो हाथी गांव में और हाथी खत्म हो जाएंगे,जिससे हाथियों का यह सांस्कृतिक केंद्र हाथियों के लिए ही अयोग्य हो जाएगा।

Home / Jaipur / हाथियों की स्थिति में सुधार की मांग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो