बीमा क्षेत्र के जानकारों के अनुसार जैसे-जैसे लोगों के बीच इस बीमा की जानकारी बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग इसे करवा रहे हैं। हेल्थ, दुर्घटना या अन्य किसी बीमा की तरह इसमें प्रतिमाह या प्रतिवर्ष प्रीमियम जमा नहीं करवाना पड़ता, बल्कि एक मुश्त प्रीमियम जमा करवाया जाता है। प्रीमियम राशि शादी के कुल खर्च की 1 से 2 प्रतिशत के बीच होती है। प्रीमियम जमा करवाते समय ही शादी में हो रहे विभिन्न खर्चों की पूरी जानकारी देनी जरूरी है।
इस कारण बढ़ी मांग
डेस्टिनेशन वेडिंग के बढ़ते प्रचलन के कारण भी शादी के बीमा की मांग बढ़ी है। दरअसल, शहर के रिसॉर्ट में हो रही डेस्टिनेशन वेडिंग की लागत आमतौर पर 30-50 लाख रुपए तक आ रही है। अग्रिम भुगतान के रूप में 30-40 प्रतिशत राशि ली जा रही है।
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इस स्थिति में दे रही बीमा की राशि
– कार्यक्रम स्थल पर आग, भूकंप, चोरी आदि से हुआ नुकसान
– दूल्हा-दुल्हन व परिवारजन (माता-पिता-भाई-बहिन) की मौत या दुर्घटना के कारण शादी स्थगित
– ऐसी बीमारी, जिसके कारण 10 दिन से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हुए और शादी स्थगित हुई
– पॉलिसी अवधि के दौरान शादी स्थल पर चोट या क्षति होती है तो ये स्थिति भी बीमा के अंतर्गत आती है।
इसे किया जा रहा कवर
– कार्ड की छपाई की लागत
– शादी के वेन्यू के लिए दिया गया अग्रिम भुगतान
– केटरिंग के लिए दी गई एडवांस राशि
– सजावट, संगीत आदि के लिए अग्रिम भुगतान
– होटल रूम बुकिंग/यात्रा बुकिंग के लिए दिया गया अग्रिम भुगतान
इन्होंने करवाया शादी का बीमा
1. अजमेर रोड निवासी शांतिलाल शर्मा ने बेटी की शादी दो महीने पहले की है। शर्मा ने बताया कि शादी के लिए कूकस स्थित एक रिसॉर्ट बुक किया था। रिसॉर्ट में 4 दिन तक चले कार्यक्रम का कुल खर्च लगभग 50 लाख आया। शादी की बुकिंग पिछले साल ही करवा दी थी। बेटी ने ही शादी बीमा के बारे में बताया था। एडवांस बुकिंग के पैसे सुरक्षित रखने व अन्य किसी अप्रिय स्थिति में हुए नुकसान से बचने के लिए बीमा कवर लिया था।
2. परकोटा निवासी मनोहर बंसल ने बेटे की शादी का बीमा करवाया। बंसल ने बताया कि लड़की वाले दिल्ली के थे और शादी जयपुर से थी। शादी संबंधी सारी बुकिंग उन्होंने ही की। समधी ने ही शादी के बीमा के बारे में बताया। आपसी सहमति से दोनों परिवारों ने बीमा कवर लिया।