वरिष्ठता सूची वापस लिए जाने की मांग
लगाया वरिष्ठता को दरकिनार कर सूची जारी करने का आरोप
कॉलेज शिक्षक संघर्ष समिति ने दिया राज्यपाल, सीएम और उच्च शिक्षामंत्री को ज्ञापन

कॉलेज शिक्षक संघर्ष समिति ने कॉलेज शिक्षा निदेशालय की ओर से 7 जनवरी को जारी की गई वरिष्ठता सूची को प्रत्याहारित किए जाने की मांग की है। संघर्ष समिति ने इसी मांग को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी को ज्ञापन भी दिया है। संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. श्रीधर शर्मा ने कहा कि इस सूची में राजस्थान शिक्षा (महाविद्यालय) शाखा नियम 1986 के विद्यमान नियम 20,25 (3) और नियम 33 का अपरोक्ष रूप से उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यरत शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में आमूलचूल बदलाव कर वैधानिक प्रक्रिया से 30/9/1995 के बाद नियुक्त किए गए सैकड़ों शिक्षकों से वरिष्ठता में कनिष्ठ दर्शाकर अंतिम सूची का प्रकाशन किया गया है जो कि विद्यमान नियम और कानून के विपरीत हैं। डॉ. शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वरिष्ठता उस दिन से नहीं दी जानी चाहिए जब कोई कर्मचारी कैडर में भी पैदा नहीं हुआ था। राजस्थान शिक्षा (महाविद्यालय) शाखा नियम 1986 के विद्यमान नियम 20,25 (3) और नियम 33 के तहत भी यही गाइडलाइन दी गई है लेकिन आयुक्त कॉलेज शिक्षा इसकी अवहेलना और अनदेखी करते हुए मात्र उच्च शिक्षा
विभाग (क/3) और कार्मिक विभाग की नियम विरूद्ध टिप्पणी के आधार पर वरिष्ठता सूची जारी कर दी, ऐसे में कार्मिक की कन्फरमेशन की तारीख से वरिष्ठता की गणना नहीं की गई जो सैकड़ों शिक्षकों के साथ अन्याय है।उन्होंने कहा कि 7 जनवरी 2010 को जारी की गई वरिष्ठता सूची को प्रत्याहारित किया जाए अन्यथा शिक्षक कोर्ट में जाने पर मजबूर होंगे।
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