कोर्ट में था मामला
नीट शुरू होने के बाद यह मामला कोर्ट में चला गया। अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से 31 अगस्त को दिए गए निर्णय में फिर से स्टेट कोटा देने की बात कही गई। इसी की अनुपालना में तमिलनाडू सरकार ने स्टेट हैल्थ पॉलिसी के अनुसार Super Speciality Course में 50 प्रतिशत कोटा इसी सत्र से शुरू कर दिया गया है। केरल, आंध्रप्रदेश व अन्य राज्यों में भी इसी सत्र से यह कोटा फिर से शुरू किया जा रहा है। इसीलिए राज्य के चिकित्सकों को भी Super Speciality Course में पहले की तरह 30 प्रतिशत कोटा देने की मांग की है।
नीट शुरू होने के बाद यह मामला कोर्ट में चला गया। अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से 31 अगस्त को दिए गए निर्णय में फिर से स्टेट कोटा देने की बात कही गई। इसी की अनुपालना में तमिलनाडू सरकार ने स्टेट हैल्थ पॉलिसी के अनुसार Super Speciality Course में 50 प्रतिशत कोटा इसी सत्र से शुरू कर दिया गया है। केरल, आंध्रप्रदेश व अन्य राज्यों में भी इसी सत्र से यह कोटा फिर से शुरू किया जा रहा है। इसीलिए राज्य के चिकित्सकों को भी Super Speciality Course में पहले की तरह 30 प्रतिशत कोटा देने की मांग की है।
इसलिए जरूरी मानते हैं चिकित्सक
जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक बिश्नोई का कहना है कि प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिला स्तर पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सुपरस्पेशियलिटी दक्ष चिकित्सकों की जरूरत होती है। वहीं अंग प्रत्यारोपण केंद्र स्थापित करने के लिए भी ऐसे ही चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। इसलिए जरूरी है कि राज्य के चिकित्सकों को सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में 30 प्रतिशत की रिजर्व सीटें दी जाएं।
जार्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक बिश्नोई का कहना है कि प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिला स्तर पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सुपरस्पेशियलिटी दक्ष चिकित्सकों की जरूरत होती है। वहीं अंग प्रत्यारोपण केंद्र स्थापित करने के लिए भी ऐसे ही चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। इसलिए जरूरी है कि राज्य के चिकित्सकों को सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में 30 प्रतिशत की रिजर्व सीटें दी जाएं।