पूनियां ने कहा कि हिन्दुस्तान का लोकतंत्र दुनिया में भारत की सबसे बड़ी ताकत है और सबसे बड़ी खूबी है। हम लोग भगवान राम, भगवान कृष्ण और ऐसे महाकाव्य रामायण, महाभारत और भगवद्गीता में भरोसा रखने वाले सभी लोकतंत्र के इस मन्दिर में उन भक्तों की तरह संविधान का भी उतना ही आदर करते है। इसलिए लगता है कि आधुनिक भारत के लोकतंत्र के मन्दिर की कोई गीता है तो भारत का संविधान है, जिसने भारत को ताकत दी है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और उस लोकतंत्र में सबसे उत्कृष्ट कोई संविधान है तो भारत का संविधान है, जिस पर हम सब गर्व कर सकते है। अधिकार और कर्तव्य जिनका बयां संविधान में हुआ, संविधान के वो तमाम अनुच्छेद और अनुसूचियां जो भारत के लोकतंत्र को, भारत के नागरिकों को ताकत देते हैं, भारत का संविधान भारत के नागरिकों को ना केवल अपने मौलिक अधिकारों के प्रति सजग बनाता है, बल्कि देश के नागरिकों को देश की सुरक्षा, सम्प्रभुता, एकता, अखण्डता, सभी धर्मों, मनुष्यों, पर्यावरण के प्रति उनके कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। देश के संविधान में आज 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां है, जो कि 22 भागों में विभक्त है। जो कि मूल संविधान में आवश्यकता के अनुरूप संशोधन कर देश की अक्षुण्णता को बनाए रखने के लिए, ऐसे सौ से भी ज्यादा संशोधन संविधान में किए गए हैं
इस संविधान को अक्षुण्ण रखना, उसके पीछे चलना, आदर और सम्मान करना, यह हम सबका कर्तव्य है।