एक साल पहले 8 नवम्बर 2016 कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए प्रचलन में बंद हुए 500 और 1000 के बड़े नोटों को बंद करने का फैसला किया था। वहीं सोशल मीडिया पर भी आज नोटबंदी का एक साल पूरा होने पर इस पर राजनीति सियासत होती रही और सोशल मीडिया पर नोटबंदी पर जुबानी जंग छिड़ी रही। साथ ही कांग्रेस,बीजेपी सहित तमाम दल के नेताओं ने नोटबंदी के एक साल को लेकर ट्वीटर पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी।
राजस्थान बीजेपी के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट किया है कि नोटबन्दी ने आतंकवाद, नक्सलवाद की कमर तोड़ी……… आम आदमी पार्टी की अल्का लाम्बा ने ट्वीट किया है कि जब हम प्रश्न उठाएंगे तो हमें देशद्रोही कहा जाएगा, असलियत यहीं है कि नोटबंदी के नाम पर देश को ठगा गया, धोखा किया गया- @LambaAlka #DhokhaDiwas
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया है कि “काला-धन विरोधी दिवस” मोदी जी के साहसिक नेतृत्व और देश से कालेधन और भ्रष्टाचार की समाप्ति के लिए ऐतिहासिक फैसले “नोटबंदी” को समर्पित है। #AntiBlackMoneyDay
वरिष्ट पत्रकार रविश कुमार ने ट्वीट किया है कि सच कहा मोदी जी ने आज जश्न मनाना चाहिए, आखिर नेताओं, पूंजीपतिओं का विकास जो हो गया है, गरीब मर गया जाने दो हम तो अमीर हो गए, आज का दिन वाकई में जश्न मनाने के काबिल है।
मुम्बई कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय निरूपम ने ट्वीट किया है कि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संभवत:अनुभव के आधार कहा कि प्तनोटबंदी से वेश्यावृति कम हुई है। लेकिन क्या नोटबंदी का उद्देश्य यही था ? #DemonetisationDisaster
वहीं कांग्रेस लीडर अजय माकन ने ट्वीट किया है कि नोटबंदी ने फैलाई,गहन बेरोज़गारी ष्टरूढ्ढश्व का देश भर के 1.6 लाख सैंपल परिवारों के सर्वेक्षण का निचोड़ इस वर्ष जनवरी से अप्रैल के बीच 15 लाख लोगों की नौकरियाँ छूठीं! 96 लाख अधिक लोगों ने अपने आप को बेरोज़गार बताया!