ऐसा लगने लगा है कि एक बार फिर से देश में नोटबंदी का दौर शुरू हो गया है। कई राज्यों में नो कैश के बोर्ड लगे एटीएम ने लोगों को परेशान कर दिया है। यह समस्या 2000 हजार के नोटों के जमा होने से पैदा हुई है। जिसे कालेधन के रूप में लोगों ने अपने पास दबा लिया है। ऐसे हालातों को देखते हुए एक बार फिर से नोटबंदी हो सकती है! वहीं दोबारा से नोटों की छापाई होने के संकेत भी मिल रहे हैं।
देश के बैंकों से मिल रहे संकेतों की माने तो एक बार फिर से देश में नोटबंदी हो सकती है। लेकिन इस बार यह नोटबंदी 2016 में हुई नोटबंदी की तरह घोषित नहीं होगी बल्कि इस बार यह नोटबंदी अघोषित होगी और इस बार 2000 के नोट की बली दी जाएगी। अब तो आरबीआई से लेकर बैंक चेस्ट तक इस बात को मान चुके हैं कि देश में 2000 रुपए के नोटों की आवक कम हुई है और नोटों की कमी देखी जा रही है। वहीं 2000 के नोटों के कम होने का दूसरा कारण कालेधन को बढ़ावा देखने के रूप में मिल रहा है। इसलिए सरकार इस नोट को धीरे-धीरे चलन से बाहर सकती है।
ये कारण
– बैंकों का बढ़ते एनपीए से साख पर पड़ा असर
– जमा रकम बैंकों द्वारा इस्तेमाल की आशंका से डरे ग्राहक
– पैसा निकालने का चलन अचानक बढ़ा
– 60 फीसदी एटीएम पर दबाव चार गुना बढ़ा
– 2000 के नोटों की छपाई बंद होना
– 200 के नए नोटों के लिए एटीएम में खांचे न होना
– नोटबंदी बाद नए एटीएम बढ़ाने की जगह घटाना
अगर सरकार द्वारा 2000 के नोटों को बंद किया जाता है तो बाजार में कौनसे नोटों को लाया जाएगा? वैसे सरकार की ओर से जो बयान आया है कि 500 रुपए के नोटों की छपाई के आदेश दिए हैं। हालांकि अभी इस बारे में जानकारी नहीं है कि 500 रुपए के नोटों की कितनी छपाई होगी। सरकार की ओर से 500 रुपए के नोटों के अलावा 100 रुपए और 200 रुपए के नोटों के चलन को बढ़ाने के संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं। एक बैंक अधिकारी ने बताया कि सिर्फ 500 रुपए का नोट ही नहीं 100 और 200 रुपए के नोटों प्रचलन बढ़ाया जाएगा। इन नोटों की छपाई को लेकर सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा धीरे-धीरे 2000 रुपए के नोटों को प्रचनल से बाहर कर दिया जाएगा।
एसबीआइ चेयरमैन रजनीश सिन्हा ने कहा, नोटबंदी जैसे हालात नहीं हैं। नोटबंदी के वक्त पैसा सिस्टम से निकाला गया था, इसलिए परेशानी हुई। ये अस्थाई समस्या है। पहली वजह ये है कि सरकारी खरीद का सीजन शुरू हो गया है और किसानों को दिया जाने वाला भुगतान बढ़ गया है। एक हफ्ते में हालात सामान्य हो जाएंगे।