मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक अमराराम ने कहा कि चक्काजाम के दौरान सरकार व पुलिस प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग का प्रस्ताव व आंदोलन की रणनीति के बारे में बताया था। इसके बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इस कारण मजबूरन जिले के कार्यकर्ताओं को मंडी में सभा कर आर-पार की लड़ाई का ऐलान करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं की सहमति से आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी। माकपा के आंदोलन में एसएफआई, सीटू सहित कई संगठनों ने भागीदारी दी है।