बदनामी नहीं, समाधान जरूरी
उपमहापौर मनोज भारद्वाज, पार्षद अशोक गर्ग ने ऐसे मामले सार्वजनिक तौर पर उछालने की बजाय समाधान निकालने की जरूरत जताई। उनका कहना है कि इस तरह से जयपुर की बदनामी होती है, जो ठीक नहीं है। यदि कहीं परेशानी है तो उसका समाधान निकालने पर ध्यान देना होगा। इसमें विपक्ष की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी की शहरी सरकार की।
उपमहापौर मनोज भारद्वाज, पार्षद अशोक गर्ग ने ऐसे मामले सार्वजनिक तौर पर उछालने की बजाय समाधान निकालने की जरूरत जताई। उनका कहना है कि इस तरह से जयपुर की बदनामी होती है, जो ठीक नहीं है। यदि कहीं परेशानी है तो उसका समाधान निकालने पर ध्यान देना होगा। इसमें विपक्ष की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी की शहरी सरकार की।
उठा ले गए अस्थाई शौचालय, बाहर पुलिस का पहरा
निगम ने भले ही शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया है, लेकिन हकीकत यह है अब भी कई इलाकों में अपेक्षाकृत शौचालय है ही नहीं। इसमें 80 हजार से ज्यादा आबादी की जवाहर नगर कच्ची बस्ती भी शामिल है। यहां वन विभाग की आपत्ति के कारण शौचालय बनाए नहीं जा सके। अब यहां लगाए जा रहे अस्थाई शौचालय के केबिन भी उठा ले गए। टीला नं 1 के पास रखे ऐसे कई केबिन गायब मिले। इस बीच लोग खुले में शौच करने गए तो सुबह निगमकर्मियों ने पुलिस के साथ उन्हें रोक दिया। कईयों का चालान भी किया गया।
निगम ने भले ही शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया है, लेकिन हकीकत यह है अब भी कई इलाकों में अपेक्षाकृत शौचालय है ही नहीं। इसमें 80 हजार से ज्यादा आबादी की जवाहर नगर कच्ची बस्ती भी शामिल है। यहां वन विभाग की आपत्ति के कारण शौचालय बनाए नहीं जा सके। अब यहां लगाए जा रहे अस्थाई शौचालय के केबिन भी उठा ले गए। टीला नं 1 के पास रखे ऐसे कई केबिन गायब मिले। इस बीच लोग खुले में शौच करने गए तो सुबह निगमकर्मियों ने पुलिस के साथ उन्हें रोक दिया। कईयों का चालान भी किया गया।
इससे गुस्साए लोगों मंगलवार को पार्षद संतरा वर्मा के कार्यालय पहुंचे। इस बीच मामला इतना बढ़ गया कि लोगों ने पार्षद को घेर तत्काल समाधान करने की जरूरत जताई। पार्षद ने भी माना कि शौचालय की पुख्ता व्यवस्था किए बिना ही चालान करने और निगमकर्मियों द्वारा निगरानी रखना सही परिपाटी नहीं है। इसके लिए महापौर से बात की जाएगी। हालांकि,महिलाओं ने विधायक अशोक परनामी पर आरोप लगाया कि समस्या सुलझाने का दावा करके ठग लिया गया।