चिकित्सा मंत्री ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस जैसी मौसमी बीमारियों का सामना करने के लिए सभी जिलों में 24 घंटे कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ रेपिड रेस्पोंस टीम के गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता के लिए आईईसी गतिविधियां करने, सीएचसी सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इंडोर मरीजों का उपचार करने के भी निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने कोरोना व इसके वैक्सीनेशन की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान तीसरी लहर से बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नियमित रैंडम सेम्पलिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक लक्षित 82 प्रतिशत को प्रथम एवं 40 प्रतिशत को दी द्वितीय डोज दी जा चुकी है। उन्होंने वैक्सीन से वंचित लोगों को चिन्हित कर विशेष अभियान चलाकर वैक्सीन कराने के भी निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने प्रदेश के समस्त चिकित्सा कर्मियों से मौसमी बीमारियों की चुनौतियों का सामना करने के लिये सतर्कता बरतने और कोविड के दौरान किये अच्छे कार्यों की गति को बनाये रखने का आग्रह किया।
ये भी रहे मौजूद
प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने कहा कि चिकित्सा विभाग ने कोरोना के दौरान प्रदेश ार के चिकित्सा संस्थानों के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया है। चिकित्सा संस्थानों में इस दौरान मेनपावर की भी कमी नहीं रही। उन्होंने संस्थानों के स्थापित बैड्स, उपकरणों का बीमारियों के दौरान इस्तेमाल करने और मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कैपेसिटी बिल्डिंग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैनवापर और उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग बेहतर तरीके से किया जाएगा तो बीमारी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा। चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने सभी जिलों के सीएमएचओ, पीएमओ व अन्य अधिकारियों से चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध शैय्याओं, आईसीयू, नीकू, पीकू, एसएनसीयू, दवाओं, जांच के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से मरीजों का इलाज स्थानीय चिकित्सा संस्थानों पर पर करने और मरीजों को कम से कम रैफर करने के भी निर्देश दिए।