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Dengue free Rajasthan: कल से ‘डेंगू मुक्त राजस्थान’ अभियान

locationजयपुरPublished: Oct 19, 2021 07:09:14 pm

Submitted by:

Tasneem Khan

Dengue free Rajasthan: डेंगू से प्रभावित जिलों के चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश पर रोक मौसमी बीमारियों पर काबू पाने के लिए दिए निर्देशचिकित्सा मंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक

'Dengue free Rajasthan' campaign from tomorrow

‘Dengue free Rajasthan’ campaign from tomorrow

Dengue free Rajasthan:

प्रदेश में 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक ‘डेंगू मुक्त राजस्थान‘ अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत विभाग स्थानीय विभागों के साथ मिलकर एंटीलार्वल गतिविधि, फोगिंग सहित अन्य गतिविधि संचालित करेगा। साथ ही उन 14 जिलों में नोडल आफिसर भेजे जाएंगे, जहां डेंगू के 150 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सा विभाग के अधिकारियो के साथ मौसमी बीमारियों, कोरोना वैक्सीनेशन व जांच तथा ऑक्सीजन प्लांट्स आदि की विभागीय तैयारियों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने डेंगू प्रभावित जिलों में चिकित्सा कर्मियों के अवकाश पर रोक लगाने, स्थानांतरित चिकित्सा कार्मिकों को तुरंत जॉइन करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए ब्लॉक स्तर पर बीसीएमओ, जिला स्तर पर सीएमसचओ तथा जोन स्तर पर संयुक्त निदेशक की जिम्मेदारी तय की गई है। उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय निकाय से मिलकर करे एंटीलार्वल गतिविधियां व नियमित फोगिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 14 जिलों में डेंगू के 150 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ना हालांकि चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है लेकिन इस पर भी चरणबद्ध रूप से काबू पाया जा सकेगा।
इस बीमारियों पर दिए निर्देश
चिकित्सा मंत्री ने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस जैसी मौसमी बीमारियों का सामना करने के लिए सभी जिलों में 24 घंटे कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ रेपिड रेस्पोंस टीम के गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता के लिए आईईसी गतिविधियां करने, सीएचसी सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इंडोर मरीजों का उपचार करने के भी निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने कोरोना व इसके वैक्सीनेशन की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान तीसरी लहर से बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नियमित रैंडम सेम्पलिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक लक्षित 82 प्रतिशत को प्रथम एवं 40 प्रतिशत को दी द्वितीय डोज दी जा चुकी है। उन्होंने वैक्सीन से वंचित लोगों को चिन्हित कर विशेष अभियान चलाकर वैक्सीन कराने के भी निर्देश दिए। चिकित्सा मंत्री ने प्रदेश के समस्त चिकित्सा कर्मियों से मौसमी बीमारियों की चुनौतियों का सामना करने के लिये सतर्कता बरतने और कोविड के दौरान किये अच्छे कार्यों की गति को बनाये रखने का आग्रह किया।
ये भी रहे मौजूद
प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने कहा कि चिकित्सा विभाग ने कोरोना के दौरान प्रदेश ार के चिकित्सा संस्थानों के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया है। चिकित्सा संस्थानों में इस दौरान मेनपावर की भी कमी नहीं रही। उन्होंने संस्थानों के स्थापित बैड्स, उपकरणों का बीमारियों के दौरान इस्तेमाल करने और मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कैपेसिटी बिल्डिंग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैनवापर और उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग बेहतर तरीके से किया जाएगा तो बीमारी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकेगा। चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने सभी जिलों के सीएमएचओ, पीएमओ व अन्य अधिकारियों से चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध शैय्याओं, आईसीयू, नीकू, पीकू, एसएनसीयू, दवाओं, जांच के बारे में विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से मरीजों का इलाज स्थानीय चिकित्सा संस्थानों पर पर करने और मरीजों को कम से कम रैफर करने के भी निर्देश दिए।

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