जयपुर अलवर में सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज
प्रदेश में 4 माह में डेंगू के 500 नए मरीज सामने आए है। 1 जनवरी 2022 से लेकर अप्रेल माह के अंत तक प्रदेश के अलग अलग अस्पतालों यह मरीज भर्ती हुए है। वहीं मलेरिया के 15 मामले ही अब तक सामने आए है।डेंगू के सबसे ज्यादा 165 मामले जयपुर में,अलवर में 45,भरतपुर में 28,दौसा में 27,उदयपुर में 26 और करौली में 24 मामले डेंगू के देखने को मिले है।
बांसवाड़ा,पाली,जालोर,श्रीगंगानगर और सिरोही ऐसे जिले है जहां डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया है। गत वर्ष 2021 में भी डेंगू के 13 हजार से अधिक की संख्या में केस सामने आए थे और करीब 10 लोगों की मौत इस बीमारी से हुई थी।
मच्छर के काटने से होते है रोग
स्वास्थ्य विभाग की माने तो मलेरिया और डेंगू दोनों ही रोग मच्छर के काटने से होते है। मलेरिया मादा एनोलीज जाति के मच्छरों के काटने से फैलता है।मलेरिया के रोगी को काटने पर असंक्रमित मादा एनोलीज मच्छर रोगी के खून के साथ मलेरिया परजीवी को भी चूंस लेते है।
मादा एनोलीज मच्छर भी संक्रमित होकर मलेरिया फैलाने में सक्षम होते है तथा जितने भी स्वस्थ्य मनुष्यो को काटते है। उन्हे मलेरिया हो जाता है। इस तरह एक मलेरिया रोगी से यह रोग कई स्वस्थ्य मनुष्य में फैलता है। वहीं डेंगू मच्छर वर्षा ऋतु के दौरान बहुतायत से पाए जाते हैं। इनके शरीर पर सफेद और काली पट्टी होती है इसलिए इनको टाइगर(चीता मच्छर) भी कहते है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटता है। डेंगू विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है।
स्वच्छता ही बचाव है
एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ.मनोज शर्मा का कहना है कि डेंगू मच्छर घर में ना पनपे। अगर किसी भी घर में एक भी डेंगू मरीज का मामला सामने आए तो तुरंत पूरे घर में साफ सफाई करनी चाहिए। ताकि कोई और सदस्य इसका शिकार ना हो पाए।
वहीं उप जिला चिकित्सालय बस्सी के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. जैनेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता जरूरी है। किसी भी तरह के बुखार के लक्ष्ण आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाकर खून की जांच करवाए। मच्छरों से बचाव और गंदा पानी एकत्रित होने से रोककर इस बीमारी से बचा जा सकता है। सभी अस्पतालों में मलेरिया बुखार की जांच और उपचार की सुविधा है।