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Coronavirus effect – डिपार्टमेंटल स्टोर्स की आय 40 फीसदी घटेगी

locationजयपुरPublished: Jun 28, 2020 01:46:19 pm

कोविड-19 ( covid-19 ) के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन ( lockdown ) के कारण डिपार्टमेंटल स्टोर्स ( departmental store ) की आय में 50 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आई है। इस दौरान लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी ( online shopping ) को ज्यादा पसंद किया। दूसरी तरफ फैशन रिटेल ( fashion retail ) का भी यही हाल रहा। अब जबकि देशभर में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खुल गया है, इसके बाद भी फैशन रिटेल कारोबार का बुरा हाल है। दूसरी तरफ डिपार्टमेंटल स्टोर्स की रौनक अब बडऩे लगी है।

Coronavirus effect - डिपार्टमेंटल स्टोर्स की आय 40 फीसदी घटेगी

Coronavirus effect – डिपार्टमेंटल स्टोर्स की आय 40 फीसदी घटेगी

जयपुर। कोविड-19 के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण डिपार्टमेंटल स्टोर्स की आय में ५० फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आई है। इस दौरान लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी को ज्यादा पसंद किया। दूसरी तरफ फैशन रिटेल का भी यही हाल रहा। अब जबकि देशभर में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खुल गया है, इसके बाद भी फैशन रिटेल कारोबार का बुरा हाल है। दूसरी तरफ डिपार्टमेंटल स्टोर्स की रौनक अब बडऩे लगी है।
इन सेक्टर की ऑपरेटिंग प्रोफिटेबिलिटी में दो फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आएगी। ऑपरेटिंग प्रोफिट में हालांकि भारी गिरावट दर्ज की जाएगी। इसके कारण कारोबारी इकाइयों को अतिरिक्त फंड जुटाने होंगे। इसमें एक बड़ा हिस्सा कर्ज का होगा।
कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन खुलने से अब अधिकतर स्टोर खुलने लगे है। अक्टूबर से दिसंबर के त्योहारी सत्र की मांग बढ़कर वापस लॉकडाउन के पहले वाले स्तर तक जा सकती है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि मांग किस प्रकार से खुलती है और लॉकडाउन के बाद उपभोक्ताओं के व्यवहार में क्या बदलाव आता है। उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव के कारण चालू कारोबारी साल में अपैरल रिटेलर्स की आय में ज्यादा योगदान ऑनलाइन माध्यम का होगा। व्यापारियों का कहना है कि ज्यादा उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए रिटेलर्स को छूट देनी पड़ सकती है। इसके साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी नियमों का पालन करने पर खर्च भी बढ़ाना पड़ सकता है। वे किराए को फिक्स्ड से वैरिएबल मोड में ला सकते है और कर्मचारियों की संख्या भी घटा सकते हैं। साथ ही वे अन्य खर्चों में भी कटौती कर सकते हैं। इनके कारण इस सेगमेंट की ऑपरेटिंग प्रोफिटेबिलिटी में 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है, जो कारोबारी साल 2020 में 7 से 8 फीसदी थी।
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