कोरोना वायरस के प्रसार से पसरी चिंताओं के बीच यह समय भारी अनिश्चितता और तनाव का बन गया है। लगातार घर रहने, स्वास्थ्य, भविष्य आदि को लेकर चिंता से नींद और भोजन के खाने के पैटर्न में बदलाव हो रहा है। हर कहीं एक ‘अगर’ नाम का ‘मगर’ हावी है। ‘अगर’ ऐसा हो गया तो, ‘अगर’ वैसा हो गया तो…यह सब एक दुष्चक्र न बन जाएं, ऐसे में मन में घर बनाती चिंताओं को बाहर निकाल फेंकने और इनसे कुछ राहत पाने के लिए इन जरूरी बातों पर जरूर अमल करें।
जयपुर•Apr 25, 2020 / 01:34 pm•
Amit Purohit
हताश होने और डरने की बजाय इस समय को खुशी और हिम्मत से बिताएं