scriptप्रधानमंत्री को सुरक्षा देंगे देसी मुधोल हाउंड नस्ल के श्वान | Desi Mudhol Hound breed dogs will give protection to the Prime Ministe | Patrika News

प्रधानमंत्री को सुरक्षा देंगे देसी मुधोल हाउंड नस्ल के श्वान

locationजयपुरPublished: Aug 20, 2022 01:06:33 am

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने वाले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के दस्ते में पहली बार देसी नस्ल के श्वानों को शामिल किया जाएगा। कर्नाटक के मुधोल हाउंड श्वान को एसपीजी में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है। दो माह के दो श्वानों को अभी प्रशिक्षित किया जा रहा हैए जिसे एसपीजी के दस्ते में शामिल किया जाएगा। बागलकोट जिले के मुधोल तहसील में इस प्रजाति के श्वान पाए जाते हैं।

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प्रधानमंत्री को सुरक्षा मुहैया कराने वाले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के दस्ते में पहली बार देसी नस्ल के श्वानों को शामिल किया जाएगा। कर्नाटक के मुधोल हाउंड श्वान को एसपीजी में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है। दो माह के दो श्वानों को अभी प्रशिक्षित किया जा रहा हैए जिसे एसपीजी के दस्ते में शामिल किया जाएगा। बागलकोट जिले के मुधोल तहसील में इस प्रजाति के श्वान पाए जाते हैं।

अधिकारियों के मुताबिक अप्रेल में ही एसपीजी को दोनों श्वान सौंप दिए गए थे। मुधोल के तिम्मापुर स्थित कैनाइन रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर सीआरआइसी से इन्हें लिया गया है। इन्हें पहले चार महीने सामान्य प्रशिक्षिण दिया जाएगा और उसके बाद विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ष्मन की बातष् में कुछ समय पहले मुधोल हाउंड नस्ल के श्वानों पर चर्चा की थी।

बेमिसाल शिकारी
इनकी सूंघने व शिकार की क्षमता बेमिसाल है। राजा.महाराजाओं के जमाने में इस प्रजाति का उपयोग शिकार के लिए किया जाता था। विदेशी नस्ल के श्वानों की तुलना में इनका पालना आसान है।

तीन किमी तक दौड़ने में सक्षम
विदेशी नस्ल के श्वानों की तुलना में मुधोल हाउंड काफी तेज.तर्रार होते हैं। इनके जबड़े काफी मजबूत होने के कारण एक बार इनके गिरफ्त में आए शिकार का छूटना आसान नहीं होता है। सूंघने की विशेष क्षमता के कारण कहीं भी छिपे विस्फोटकों का ये आसानी से पता लगा सकते हैं। ये लगातार तीन किलोमीटर तक दौड़ सकते है। इनका का उपयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में दुश्मनों पर निगरानी तथा जमीन पर बिछाए गए विस्फोटकों का पता लगाने के लिए किया जाता है।

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