किसान महापंचायत, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान संघ के साथ ही गांव बंद आंदोलन के किसान प्रतिनिधियों ने एमएसपी में की गई बढ़ोतरी को नाकाफी बताया है। साथ ही इनका यह भी कहना है कि सरकार ने शत प्रतिशत उपज खरीदने की गारंटी भी नहीं दी है। गौरतलब है कि केन्द्र ने खरीफ सीजन की 14 फसलों पर लागत मूल्य का ढेड गुना मूल्य देने की घोषणा करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है।
उपज पहले अब
मूंग 5575 6975
धान सामान्य 1550 1750
धान ग्रेड अ 1590 1770
ज्वार हाईब्रिड 1556 2430
मक्का 1425 1700
रागी 1900 2897
उड़द 5400 5600
मूंगफली 4450 4890
कपास 4020 5150
बाजरा 1425 1950
सूरजमुखी 4100 5388
किसान प्रतिनिधियों का यह कहना
लागत मूल्य की गणना में किसान की जमीन का किराया और पूंजी पर लगने वाला ब्याज नहीं जोड़ा गया है। इस कारण फसल की सही लागत तय नहीं करने से एमएसपी में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाएगा।
रामपाल जाट, राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान महापंचायत
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एमएसपी पर बढ़ोतरी की घोषणा कर किसानों को सिर्फ गुमराह करने की कोशिश की गई है। उपज की लागत का वास्तविक मूल्य नहीं जोड़ने से लाभकारी मूल्य दिया जाना बेमानी है।
गुरूचरण सिंह मोड, अखिल भारतीय किसान सभा
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छोटी लाल सैनी, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ