Dev uthani ekadashi 2020: बह्म मुहूर्त में शंख व घंटे घड़ियाल बजाकर देवों को जगाया, देखें वीडियो
गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सजीं विशेष झांकियां
Published: 26 Nov 2020, 07:09 PM IST
जयपुर। छोटी काशी के मंदिरों में देवउठनी एकादशी का उत्सव आज मनाया जा रहा है। राजधानी में उदियात तिथि के अनुसार पर्व मनाने की परंपरा है। इसके चलते देवालयों में आज शंख, घंटे-घडिय़ाल बजाकर देवों को उठाया गया। इस दौरान ' उतिष्ठ उतिष्ठ गोविंद उतिष्ठ गरुड़ध्वज उतिष्ठ, कमलकांत त्रैलोक्यं मंगलम कुरु...Óमंत्र का उच्चारण किया गया। शहर आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह धूप झांकी के बाद सालिगरामजी को चौकी सहित मंदिर के दक्षिण-पश्चिम कोने पर स्थित तुलसीजी मंच पर विराजमान किया गया। यहां सालिगरामजी और तुलसीजी का पंचामृत अभिषेक कर पूजन हुआ। इसके बाद आरती हुई। तुलसीजी की चार परिक्रमा के बाद सालिगरामजी को चांदी के रथ में विराजमान कर मंदिर की एक परिक्रमा कराकर पुन: गर्भगृह में विराजमान किया। कोरोना के चलते मंदिर बंद होने से आम दर्शनार्थियों ने शहर आराध्य के ऑनलाइन दर्शन किए।
रचित पदों का हुआ गायन
इस दौरान ठाकुरजी को लाल जामा पोशाक धारण करवाकर विशेष शृंगार किया गया। गोविंददेवजी के मातहत मंदिर राधा माधवजी कनकघाटी, रामगंज चौपड़ स्थित मुरली मनोहरजी सहित अन्य मंदिरों में भी देवउठनी एकादशी पर तुलसी-सालिगरामजी विवाह हुआ। गलताजी में भी देव प्रबोधिनी एकादशी महंत स्वामी अवधेशाचार्य के सान्निध्य में मनाई गई। युवाचार्य राघवेंद्राचार्य ने बताया कि सीतारामजी, रामकुमार, राम-गोपाल मंदिर सहित पीठ के सभी मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त में ठाकुरजी को मंत्र ध्वनि के साथ जगाया। अभिषेक व पूजा-आरती के बाद भोग लगाया। सुभाष चौक स्थित पानों का दरीबा सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को सुबह पीठ के आचार्यों की रचित पदों की मधुर स्वरलहरियों के साथ जगाया गया।
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