किचन गार्डन के लिए अलग से लिया प्लॉट
जय जवान कॉलोनी निवासी अनिता खण्डेलवाल किचन गार्डन की बेहद शौकीन हैं। वे बताती हैं कि पेड़-पौधे मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। इसलिए घर के एक हिस्से में हमने मकान बनवाया है जबकि आधा फुलवारी और गार्डन से ही डवलप किया हुआ है। आजकल बाजार में उपलब्ध सब्जियां स्वास्थ्य के लिए सही नहीं हैं, इसलिए हमने घर में सब्जियां उगाने की सोची। पिछले पांच सालों से हम घर की उगी हुई सब्जियों और फलों का प्रयोग कर रहे हैं। हमारी ज्वाईंट फैमिली हैं, इसलिए हमने अलग से मिनी प्लॉट भी खरीदा हुआ हैं, ताकि सभी को भरपूर मात्रा में सब्जी मिले। धनिया, पोदीना, मेथी, पालक, भिण्डी, टमाटर, नींबू, करेला, घीया, तुरई, टिण्डे आदि सब्जियां इस मौसम में उगाई हैं। जबकि फलों में पपीता, आम, कैरी, आंवला, केला और चीकू घर में ही उगाएं हैं।
जय जवान कॉलोनी निवासी अनिता खण्डेलवाल किचन गार्डन की बेहद शौकीन हैं। वे बताती हैं कि पेड़-पौधे मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। इसलिए घर के एक हिस्से में हमने मकान बनवाया है जबकि आधा फुलवारी और गार्डन से ही डवलप किया हुआ है। आजकल बाजार में उपलब्ध सब्जियां स्वास्थ्य के लिए सही नहीं हैं, इसलिए हमने घर में सब्जियां उगाने की सोची। पिछले पांच सालों से हम घर की उगी हुई सब्जियों और फलों का प्रयोग कर रहे हैं। हमारी ज्वाईंट फैमिली हैं, इसलिए हमने अलग से मिनी प्लॉट भी खरीदा हुआ हैं, ताकि सभी को भरपूर मात्रा में सब्जी मिले। धनिया, पोदीना, मेथी, पालक, भिण्डी, टमाटर, नींबू, करेला, घीया, तुरई, टिण्डे आदि सब्जियां इस मौसम में उगाई हैं। जबकि फलों में पपीता, आम, कैरी, आंवला, केला और चीकू घर में ही उगाएं हैं।
सब्जियों की प्रॉपर पैदावार के लिए हमने माली लगाया हुआ है ताकि समय-समय पर उनमें खाद और पानी दिया जा सकें। खाद भी हम देशी ही यूज करते हैं जो गाय के गोबर से बनी होती है। सबसे खास बात है कि ये सब्जियां बिना कैमिकल के उपयोग से पैदा की गई होती है और स्वाद भी जायकेदार होता है। ज्यादा पैदा होने पर हम अपने पड़ोसियों, मित्र और रिश्तेदारों को भी बांट देते हैं। इससे आपसी स्नेह भी बढ़ता है।
घर के गार्डन को तीन हिस्सों में बांटा
कीर्ती नगर निवासी गीता शर्मा भी गार्डनिंग की बेहद शौकीन हैं। वे बताती हैं कि पति एल के शर्मा रिटायर्ड आईएफएस ऑफिसर हैं। इसलिए हमारा अधिकर समय प्रकृति के करीब ही बीता। जब रिटायर्ड हुए तो स्वयं का किचन गार्डन डवलप किया। घर के गार्डन को हमने तीन हिस्सों में बांट रखा है। एक में फल, बीच में बागवानी और तीसरे में सब्जियां। फलों में हमने बील, आंवला, पपीता, सीताफल, अमरूद उगाएं हुए हैं। जबकि दूसरे हिस्से में भिण्डी, पालक, धनिया, करेला, खीरा, पोदिना, टमाटर, मेथी, पालक धनिया उगाया है।
लोगों को लगता है कि किचन गार्डन बहुत मुश्किल काम है, जबकि इन्हें भी अन्य पौधों की तरह उगाना बेहद आसान है, इन्हें खाद और नियमित रूप से पानी चाहिए। पिछले पांच सालों से बहुत कम हमने बाजार से सब्जियां खरीदी होंगी। हमें खुशी मिलती है कि अन्य लोग भी इससे प्रेरणा लेते हैं और घर में किचन गार्डन डवलप करते हैं।
घर के गुलाब और आंवला से बनाएं शरबत-
देवनगर निवासी पुष्पा शर्मा करीब २० सालों से किचन गार्डन कर रही हैं। वे बताती हैं कि मेरे पति कृषि विभाग से रिटायर्ड हुए हैं। वे जब भी घर आते खेती के विषय में अनेक जानकारी देते रहे, बस वहीं से मेरा शौक डवलप हुआ। हर सीजन के अनुसार सब्जियों और फलों की बुआई करती हूं। उनकी गुड़ाई, वाटरिंग और अंत में कटाई मैं ही करती हूं। इस सीजन में मैंने बैंगन, भिण्डी, टिण्डे, ग्वार की फली, ककड़ी, लौकी, पोदिना, टमाटर और नींबू उगाया हुआ है। जबकि फलों में करीब २० साल पुराने बील, आम, आंवला, चीकू, अनार, अमरूद और कैरी उगाएं हुए हैं। घर में उगी हुई साग-सब्जियां स्वाद में खास होती हैं। इनमें किसी भी प्रकार कैमिकल नहीं मिला होता। ऑर्गेनिक होने के कारण स्वास्थ्य भी सही रहता है। हमने नींबू, आंवला और गुलाब की पत्तियों से शरबत बनाया जिसकी मिठास, बाजार से मिल रहे शरबत से एकदम अलग है। घर के चारों तरफ नीम, अशोक, तुलसी , मीठा नीम आदि छायादार वृक्ष लगाए हुए हैं ताकि राहगीरों को भी छाया और ठण्डी हवा का आनंद मिल सकें।
देवनगर निवासी पुष्पा शर्मा करीब २० सालों से किचन गार्डन कर रही हैं। वे बताती हैं कि मेरे पति कृषि विभाग से रिटायर्ड हुए हैं। वे जब भी घर आते खेती के विषय में अनेक जानकारी देते रहे, बस वहीं से मेरा शौक डवलप हुआ। हर सीजन के अनुसार सब्जियों और फलों की बुआई करती हूं। उनकी गुड़ाई, वाटरिंग और अंत में कटाई मैं ही करती हूं। इस सीजन में मैंने बैंगन, भिण्डी, टिण्डे, ग्वार की फली, ककड़ी, लौकी, पोदिना, टमाटर और नींबू उगाया हुआ है। जबकि फलों में करीब २० साल पुराने बील, आम, आंवला, चीकू, अनार, अमरूद और कैरी उगाएं हुए हैं। घर में उगी हुई साग-सब्जियां स्वाद में खास होती हैं। इनमें किसी भी प्रकार कैमिकल नहीं मिला होता। ऑर्गेनिक होने के कारण स्वास्थ्य भी सही रहता है। हमने नींबू, आंवला और गुलाब की पत्तियों से शरबत बनाया जिसकी मिठास, बाजार से मिल रहे शरबत से एकदम अलग है। घर के चारों तरफ नीम, अशोक, तुलसी , मीठा नीम आदि छायादार वृक्ष लगाए हुए हैं ताकि राहगीरों को भी छाया और ठण्डी हवा का आनंद मिल सकें।
घर की छत पर किचन गार्डन डवलप किया-
टोंक रोड निवासी विनिता शर्मा पेशे से लेक्चरर हैं। अपने बिजी शिड्यूल में भी ग्रीनरी के लिए वक्त निकाल लेती हैं। वे बताती हैं कि घर के बरामदे मेें मैंने ओनामेंटल प्लांट्स लगा रखे हैं, जबकि छत पर किचन गार्डन डवलप किया हुआ हैं। इसके लिए उन्होंने प्लास्टिक का टैंक बनवाकर उसमें डेढ़ फिट मिट्टी डाली और करीब १० तरह की सब्जियां डवलप की। पौधों को धूप न लगे, इसके लिए पूरी छत को ग्रीन कॉरिडोर में डवलप किया हुआ है। वे बताती हैं कि यहां कभी-कभार बंदर भी आ जाया करते हैं, इसलिए आर्टिफिशियल बंदर के साफ्टॉयज भी लटका रखे हैं। मैंने इन पौधों की छाव के लिए टंकियों और बड़े गमलों में छायादार वृक्ष लगाए हुए हैं ताकि इन पर धूप कम पड़े। किचन गार्डन से स्वास्थ्य से भरपूर सब्जियां तो मिलती ही हैं साथ ही वातावरण में ताजगी भी रहती है। जब इन पौधों को देखते हैं तो सारा मानसिक तनाव खत्म हो जाता है।