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Devshayani Ekadashi : शयन पर जाने से पहले इन लोगों के भाग्य खोल जाते हैं भगवान विष्णु

locationजयपुरPublished: Jul 01, 2020 08:02:26 am

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deepak deewan

सनातन धर्म में 1 जुलाई का दिन बहुत अहम है. आज आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी है जिसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी पर जागते हैं। शास्त्रों में इस एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है।

Devshayani Ekadashi Puja Vidhi Muhurat Vrit Katha

Devshayani Ekadashi Puja Vidhi Muhurat Vrit Katha

जयपुर. सनातन धर्म में 1 जुलाई का दिन बहुत अहम है. आज आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी है जिसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी पर जागते हैं। शास्त्रों में इस एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है। देवशयनी एकादशी पर व्रत करने और विष्णुजी की पूजा करने से कई पापों का क्षय हो जाता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख है कि इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि शंखासुर राक्षस को मारने के बाद भगवान विष्णु इसी दिन क्षीर सागर में 4 माह के लिए योग निद्रा में चले गए थे। इसलिए आषाढ़ शुक्लपक्ष की एकादशी के दिन भगवान को शयन करवाने की परंपरा है। इसे आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के मुताबिक देवशयनी एकादशी के दिन व्रत और पूजन से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. वे शयन पर जाने से पहले इन लोगों की भाग्य वृद्धि कर जाते है। इसलिए इसे सौभाग्यदायिनी एकादशी भी कहा जाता है। देवशयनी एकादशी पर पूजन के बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करें, इससे निश्चित रूप से आपकी भाग्य वृद्धि होगी.
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