पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, “धोनी का मजबूत पक्ष उनका आत्मविश्वास है। उस पारी से ऐसा लगा कि धोनी के मुंह में खून लगा था और वह रनों और भूखे हो गए थे। इसके बाद धोनी ने शायद ही कभी तीन नंबर पर बल्लेबाजी की, लेकिन उन्होंने अपना नाम बना लिया था। उस सीरीज में हमने बाकी चार मैच हार गए थे। लेकिन सीरीज में धोनी टीम इंडिया की खोज रहे।” नेहरा ने साथ ही कहा, “धोनी जब टीम में आए थे तो वह अच्छे विकेटकीपर नहीं थे। उनसे पहले जो भी खेले वो बेहतर विकेटकीपर थे। वो किरन मोरे और नयन मोंगिया जैसे नहीं थे। उनके अनुशासन, जुनून, कंपोजर और कॉन्फिडेंस ने उन्हें सबसे अलग लाकर खड़ा कर दिया।” नेहरा ने कहा, “धोनी ने वो किया जो दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल नहीं कर सके थे। धोनी ने मौके का फायदा उठाया।”