भारत में डायबिटिज के अध्ययन के लिए अनुसंधान सोसाइटी की ४७वीं वार्षिक कॉन्फ्रेन्स का आयोजन जयपुर में किया जा रहा है। सम्मेलन ने भारत के सभी डॉक्टरों के लिए सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग, आर एस एस डी आई के नए दिशानिर्देश और शोध-पत्र की घोषणा की। दिल्ली के डायबिटीज कियर विशेषज्ञ डॉ. अमित गुप्ता ने बताया कि इस तरह की कॉन्फ्रेंस से मेडिसिन फील्ड में मेडिकल के जो नए स्टूडेंट और फ्रैशर्स होते हैं, उनको भी एक तरह का मोटिवेशन मिलता है कि किस दिशा में उन्हें स्टडी करनी है और किस एरिया में उन्हें रिसर्च करना चाहिए।
उन्होन कहा कि आजकल एविडेंस लर्निंग व एविडेंस मेडिसिन का जमाना है। जहां पर हम तथ्यों के आधार पर ही कोई दवाई देते हैं या नहीं देते हैं। इन सब चीजों के ऊपर गहन डिस्कशन होता है तो डॉक्टर और बेहतर ढंग से मरीज का इलाज कर पाता है। वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुकी है और आने वाले समय में डायबिटीज रोगी के मैनेजमेंट में टेक्नोलॉजी बड़ा रोल प्ले करेगी।
मुंबई से विशेषज्ञ डॉ. मनोहर चावला के अनुसार इस बार अटेंडेंस पहले से बेहतर है, जो रिसर्च पेपर आए हैं, वह पहले से बेहतर है। इसका मतलब है कि डॉक्टर्स भी अपने हॉस्पिटल में कॉलेज में रिसर्च के लिए खुद काम कर रहे हैं जो पहले नहीं होता था। डायबिटीज में कांसेप्ट चेंज हो रहे हैं। पहले डायबिटीज में शुगर पर ध्यान देते थे, मैनेजमेंट पर ध्यान देते थे, अब कांसेप्ट थोड़े चेंज हुए हैं। डायबिटीज में शुगर मैनेजमेंट के अलावा आउटकम रिवर होते जा रहे हैं। डायबिटीज से आगे जाकर कॉम्प्लिकेशन ना हो, हार्ट डिजीज, डेथ ना हो, स्टोक ना हो इस पर पूरी तरह से शिफ्ट हो गई है। इसके हिसाब से भी आज ट्रीटमेंट किया जा रहा है। मरीज को शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल रखना चाहिए ताकि आगे चलकर डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशन ना हों।
डॉ. धीरज कपूर ने बताया कि डायबिटीज कभी किसी को नहीं मारती। आदमी को जो दिक्कत होती है वह होती है हार्ट अटैक या किडनी फेलियर से होती है। बढ़ी हुई शुगर इनके जरिए तंग करती है, लेकिन अगर हम हार्ट डिजीज कम कर पाए तो मरीज के साथ एक अच्छी दूरी तय कर पाएंगे। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से डायबिटिज के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ आरएसएसडीआई के प्रेसिडेन्ट डॉ. अजीव चावला, सचिव डॉ बी एम मक्कड और वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. बन्सी साबू सहित कई अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डायबिटिज विशेषज्ञ शामिल रहे।