अगर हम अपने खान पान पर ध्यान नहीं देंगे और तनाव मुक्त रहने का प्रयास नहीं करेंगे तो भविष्य में मरीजों की संख्या ओर अधिक बढ़ जाएगी। इसके लिए आम नागरिकों और चिकित्सकों को मिल कर प्रयास करने होंगे।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट कहती है कि 2019 तक भारत में डायबिटीज के करीब 77 मिलियन मरीज थे। जिनकी संख्या साल 2030 तक 100.95 मिलियन और साल 2045 तक यह आंकड़ा 134.29 मिलियन को छू सकता हैं।
चीन में 2019 तक 116.4 मिलियन डायबिटीज के मरीज हैं। 2030 तक वहां 140.5 मिलियन मरीज हो सकते हैं तो 2045 में यह तादाद 147.2 मिलियन हो सकती है। अमेरिका में 2019 तक 31 मिलियन मरीज हैं। 2030 तक ये 34.4 मिलियन हो जाएंगे तो 2045 तक 37.1 मिलियन हो सकते हैं।
जयपुर में जेईसीसी में चल रहे 77वें एनुअल कॉन्फ्रेंस एपिकॉन में डायबिटीज बीमारी को लेकर अलग अलग विषयों पर चर्चा की जा रही है। आज तीसरे दिन डॉ.पुनीत सक्सेना कितनी महत्वपूर्ण है दवा, डॉ.विजय विश्वनाथ प्रिवेशन आफ डायबिटिक कॉम्पलिकेशन,डॉ.विनोद मित्तल ग्लुकोन ए मिसींग पीस इन डायबिटीज मैनेजमेंट के विषय पर चर्चा की।
डायबिटिज को कई बीमारियों का जनक कहा जाता है।चिकित्सकों ने खान पान की बदलती आदतों में सुधार करने और तनाव मुक्त रहने की सलाह दी है। जिससे की इस रोग से बचा जा सके।