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मरीजों के लिए राहत भरी खबर, गहलोत सरकार उठाने जा रही यह कदम

locationजयपुरPublished: Jul 04, 2019 02:53:03 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश के निजी अस्पतालों ( Private Hospitals )और डायग्नोस्टिक सेंटरों ( Diagnostic centers) में इलाज और जांच के नाम पर मरीजों से लाखों रुपए वसूलने पर गहलोत सरकार ( Gehlot Government ) लगाम लगाने की तैयारी में है।

Diagnostic centers
जयपुर। मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश के निजी अस्पतालों ( private hospitals )और डायग्नोस्टिक सेंटरों ( Diagnostic centers) में इलाज और जांच के नाम पर मरीजों से लाखों रुपए वसूलने पर गहलोत सरकार ( gehlot government ) लगाम लगाने की तैयारी में है।
सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर अब राजस्थान क्लिनिकल एस्टाबिलिशमेंट एक्ट के तहत प्रदेश के सभी डायग्नोस्टिक सेंटरों को पंजीकरण कराना होगा। मरीजों की शिकायत के बाद इन डायग्नोस्टिक सेंटरों पर कार्यवाही करना चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए आसान रहेगा। हालांकि एक्ट के तहत फिलहाल निजी अस्पतालों को केवल प्रोविजनल पंजीकरण कराना होगा।

31 अगस्त तक पंजीकरण नहीं तो कार्यवाही
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश में राजस्थान क्लिनिकल एस्टाबिलिशमेंट एक्ट को लागू करने की तैयारी कर ली है। निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों के एक्ट के तहत पंजीकरण की गाइड लाइन स्वास्थ्य विभाग को भेजी है। जिसे विभाग ने स्वीकार करते हुए निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी डायग्नोस्टिक सेंटर 31 अगस्त 2019 तक पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
निजी अस्पतालों के लिए नियम तय नहीं
केन्द्र सरकार के क्लिनिकल एस्टाबिलिशमेंट एक्ट के दायरे में लाने के लिए निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए नियम कायदे तय कर दिए है। केन्द्र सरकार निजी अस्पतालों के लिए फिलहाल गाइड लाइन तय नहीं कर सकी है। लिहाजा इन अस्पतालों का एक्ट के तहत प्रोविजनल पंजीकरण किया जा रहा है।
गरीब मरीजों को मिलेगी राहत
निजी अस्पताल और डायग्नोस्टिक संचालक इलाज और जांच के नाम पर गरीब मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं। अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों के खिलाफ विभाग को शिकायतें तो मिलती थी, लेकिन मजबूत कानून नहीं होने पर इसके खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाती थी। अब गरीब मरीजों को राहत मिलेगी।
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