दिल्ली, मुंबई और गुजरात से मंगवाए गए थे हीरे
सिंधी कैंप पुलिस ने बताया कि हाथी बाबू का मार्ग क्षेत्र में लॉजिस्टिक कंपनी का कार्यालय है। कंपनी का काम जयपुर और आसपास के क्षेत्र में कंपनी के मैनेजर धर्मेन्द्र कुमार संभालते हैं जो कि मूल रुप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और वर्तमान में गोपाल जी का रास्ता जयपुर में रह रहे हैं। कंपनी के देश के कई राज्यों में कार्यालय हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल डिलेवरी करने का काम किया जाता है। पुलिस ने बताया कि कंपनी को जयपुर में साढ़े सात करोड़ रुपए के हीरे डिलेवर करने थे। ये माल दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत कुछ अन्य राज्यों से मंगाया गया था और जयपुर के कई जौहरियों के पास भेजा जाना था। लेकिन जयपुर में जब माल पहुंचा तो पता चला कि वह चोरी हो चुका है।
सिंधी कैंप पुलिस ने बताया कि हाथी बाबू का मार्ग क्षेत्र में लॉजिस्टिक कंपनी का कार्यालय है। कंपनी का काम जयपुर और आसपास के क्षेत्र में कंपनी के मैनेजर धर्मेन्द्र कुमार संभालते हैं जो कि मूल रुप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और वर्तमान में गोपाल जी का रास्ता जयपुर में रह रहे हैं। कंपनी के देश के कई राज्यों में कार्यालय हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल डिलेवरी करने का काम किया जाता है। पुलिस ने बताया कि कंपनी को जयपुर में साढ़े सात करोड़ रुपए के हीरे डिलेवर करने थे। ये माल दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत कुछ अन्य राज्यों से मंगाया गया था और जयपुर के कई जौहरियों के पास भेजा जाना था। लेकिन जयपुर में जब माल पहुंचा तो पता चला कि वह चोरी हो चुका है।
कंपनी के चार कार्मिकों पर शक, उनसे संपर्क करने की कोशिश
पुलिस ने बताया कि कंपनी में काम करने वाले कुछ कार्मिकों पर कंपनी ने आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। इनमें विकास, हरिओम, देव नारायण और सुरेन्द्र कुमार शामिल हैं। चारों सवाई माधोपुर जिले के हैं। चारों के पास जो फोन थे वे बंद आ रहे हैं। कंपनी के कुछ कार्मिकों ने उनके घर जाकर भी उनके बारे में पडताल करने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मिले। पुलिस ने बताया कि चारों कार्मिकों का काम बंटा हुआ था। किसी का काम माल लोड अनलोड करना था तो किसी का काम सप्लाई का था। पुलिस को चारों के बारे में जानकारी और फोटोज दिए गए हैंे। इनके आधार पर अब तलाश की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि कंपनी में काम करने वाले कुछ कार्मिकों पर कंपनी ने आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। इनमें विकास, हरिओम, देव नारायण और सुरेन्द्र कुमार शामिल हैं। चारों सवाई माधोपुर जिले के हैं। चारों के पास जो फोन थे वे बंद आ रहे हैं। कंपनी के कुछ कार्मिकों ने उनके घर जाकर भी उनके बारे में पडताल करने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मिले। पुलिस ने बताया कि चारों कार्मिकों का काम बंटा हुआ था। किसी का काम माल लोड अनलोड करना था तो किसी का काम सप्लाई का था। पुलिस को चारों के बारे में जानकारी और फोटोज दिए गए हैंे। इनके आधार पर अब तलाश की जा रही है।