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जनता ने दिखाई इंसानियत …और जिम्मेदारों की मर गईं संवेदनाएं

locationजयपुरPublished: Jan 20, 2019 02:19:06 pm

Submitted by:

Avinash Bakolia

जगतपुरा में युवक ने इलाज के इंतजार में तोड़ दिया दम

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जनता ने दिखाई इंसानियत …और जिम्मेदारों की मर गईं संवेदनाएं

जयपुर. राजधानी में शुक्रवार रात लोगों ने एक युवक को तड़पते दम तोड़ते देखा। उसको ईलाज चाहिए था, लेकिन 108 एम्बुलेंस आई पर उसे तड़पता छोड़ गई। पुलिस को बुलाया तो वे भी लोगों को निर्देश देकर चले गए। आखिरकार वह युवक जिंदगी की जंग हार गया। जनता ने तो इंसानियत खूब दिखाई, लेकिन सिस्टम की मरी हुई संवेदनाएं भारी पड़ गईं। घटना जगतपुरा की है, जहां 7 नंबर बस स्टैंड के पास एक युवक शनिवार को मृत अवस्था में मिला। पुलिस ने पहुंचकर शव को मोर्चरी में रखवा दिया, लेकिन शुक्रवार रात को स्थानीय लोगों ने जो कुछ अपनी आंखों से देखा, वह पत्रिका को बयां किया। उधर, पुलिस ने बताया कि मरने वाला कोटा का रहने वाला अशोक था और कचरा बीनने का काम करता था।
फोन किया, एंबुलेंस आई, चली गई
शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे स्थानीय निवासी हनुमान बापलावत को उनके किराएदार ने बताया कि युवक डिवाइडर पर पेड़-पौधों के बीच बेसुध पड़ा है। हनुमान ने तुरंत 108 पर फोन किया। 10 मिनट बाद एंबुलेंस आई। उन्होंने बेसुध युवक को देख कहा कि शराब पीने का मामला है, पुलिस को सूचित करो। एंबुलेंसकर्मी सूचना देने वाले हनुमान से रजिस्टर में हस्ताक्षर करवाकर वहां से चल दिए।
पुलिस को फोन किया, वे भी आए पर
रात्रि करीब नौ बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन किया। 10-15 मिनट में ही पीसीआर गाड़ी आ गई। उन्होंने लोगों से पूछा तो पता चला कि यह तो युवक कहीं भी सो जाता है और शराब पीता है। पुलिस ने भी उसे नहीं संभाला। नशे में मानकर लोगों की मदद से उसे वहां से उठाकर के एक घर के पास लगे टीनशैड के नीचे सुला दिया। स्थानीय लोगों से बिछाने-औढ़ाने का इंतजाम कर पुलिस वहां से चली गई।
जनता बोली, कैसे करें व्यवस्था पर विश्वास

स्थानीय लोगों ने युवक को खाना खिलाने का भी प्रयास किया। ओढऩे-बिछाने का इंतजाम किया। सुबह उठने पर गोविंद कटारिया जब उसके लिए चाय लेकर गया तो वह मृत मिला। लोगों का कहना है कि जिम्मेदारों ने जिम्मेदारी समझी होती तो उसकी जिंदगी बच सकती थी। ऐसे में कैसे व्यवस्था पर विश्वास कायम होगा।
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