scriptडीजल महंगा, बढ़ेगा ट्रकों का भाड़ा, महंगाई बढऩे का खटका | Diesel will be costlier, Freight of trucks, rising inflation | Patrika News

डीजल महंगा, बढ़ेगा ट्रकों का भाड़ा, महंगाई बढऩे का खटका

locationजयपुरPublished: Jul 20, 2020 10:53:44 am

सात जून से डीजल के भावों ( prices of diesel ) में जो तेजी का दौर शुरू हुआ वो अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक डीजल के दामों में 12 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गए है। डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से ट्रक ऑपरेटर ( Truck operators ) परेशान हैं। उनका कहना है कि तेल की कीमतों ( oil prices ) में रोजाना बढ़ोतरी से उनके लिए कारोबार ( business ) करना मुश्किल हो रहा है और अगर यही स्थिति ( inflation ) रही तो उन्हें ट्रक के भाड़े में 20 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

डीजल महंगा, बढ़ेगा ट्रकों का भाड़ा, महंगाई बढऩे का खटका

डीजल महंगा, बढ़ेगा ट्रकों का भाड़ा, महंगाई बढऩे का खटका

जयपुर। सात जून से डीजल के भावों में जो तेजी का दौर शुरू हुआ वो अब थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब तक डीजल के दामों में 12 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गए है। डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से ट्रक ऑपरेटर परेशान हैं। उनका कहना है कि तेल की कीमतों में रोजाना बढ़ोतरी से उनके लिए कारोबार करना मुश्किल हो रहा है और अगर यही स्थिति रही तो उन्हें ट्रक के भाड़े में 20 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अगर ऐसा हुआ तो कोरोना काल में महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। इसकी वजह यह है कि मालभाड़ा महंगा होने से महंगाई पर सीधा असर पड़ेगा।
मासिक या तिमाही आधार पर बढ़े कीमतें
तेल की कीमतें मासिक या तिमाही आधार पर बढऩी चाहिए। ट्रक की परिचालन लागत में 65 फीसदी हिस्सा ईंधन का होता है। इसमें टोल चार्ज की करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी है। ऑपरेटर का कहना है कि पहले से ही मांग बहुत कम है और करीब 55 फीसदी ट्रकों के पास कोई काम नहीं है। ऐसी स्थिति में हमारे लिए कारोबार करना मुश्किल हो गया है। कोविड-19 के कारण बार-बार लॉकडाउन लगने से रोड ट्रांसपोर्ट सेक्टर की हालत खस्ता हो गई है।
डीजल है महंगा र्इंधन
देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल-डीजल बेचने वाली कंपनी इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि डीजल महंगा ईंधन है। उसे बनाने में कंपनी को ज्यादा खर्च आता है। लेकिन पहले सरकार उस पर कम टैक्स वसूलती थी, इसलिए उसकी कीमत कम पड़ती थी। उन्होंने बताया कि इस समय एक लीटर पेट्रोल बनाने में 22.11 रुपए का खर्च आ रहा है, जबकि 1 लीटर डीजल बनाने का खर्च 22.93 रुपए है।
7 जून से लगातार बढ़ रही कीमत
कोरोना संक्रमण सामने आने और लॉकडाउन के कारण सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने 16 मार्च से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना आधार पर होने वाले बदलाव को बंद कर दिया था। 7 जून को कंपनियों ने पहली बार देश में एक साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। यह बढ़ोतरी करीब 80 दिन बाद की गई थी।
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