देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, 16 जून 2017 को जयपुर में पेट्रोल 68.30 रुपए प्रति लीटर था, जो 18 जनवरी 2018 को 74.50 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। यह अगस्त 2014 के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। डीजल की कीमत पिछले साल 16 जून को 58.47 रुपए प्रति लीटर थी, जो इस गुरुवार को 66.69 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इस साल के आंकड़े ही देखें तो जनवरी के पहले 18 दिन में पेट्रोल के दाम 1.76 रुपए बढ़े है जबकि डीजल 2.80 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढऩे से पेट्रोल और डीजल के बीच महंगाई की होड़ लग गई है। अगस्त 2014 के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई थी। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटनी शुरू हो गई। इसका फायदा उठाते हुए उस समय सरकार ने यह कहकर इन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ेंगी तो शुल्क में कमी भी की जा सकती है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपए से बढ़ाकर 17.33 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया था। पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के समय 9.48 रुपए प्रति लीटर था, जो बढक़र 21.48 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुका था। पिछले साल पेट्रोल की कीमत 70 रुपए के पार निकलने के बाद बने दबाव में 3 अक्टूबर 2017 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। इस समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 15.33 रुपए और डीजल पर 19.48 रुपए प्रति लीटर है।