रोटी-बेटी से जुड़े है भारत-पाक
– 18 फरवरी 2006 को थार एक्सप्रेस भारत-पाकिस्तान के बीच शुरू हुई। इसके बाद हर साल 10 से 12 शादियां दोनों देशों के बीच में हो रही हैं। पाकिस्तान की बेटियां भारत में शादी को पहुंची है तो भारत की बेटियों को भी पाकिस्तान में दिया गया है।
रिश्तों के लिए जरूरी है रेल थार लिंक एक्सप्रेस का महत्व सिंध और थार के रिश्तों के लिए महत्व रखता है। 2006 से अब तक 4 लाख यात्रियों ने सफर किया है। किसी का भी यहां व्यापारिक संबंध नहीं था। सब लोग रिश्तेदारी में मिलने आए हैं। रक्षाबंधन, तीज, होली, दीपावली हर पर्व को इस रेल ने अहसास दिया है। इसे पुन: शुरू करने की पहल होनी चाहिए।
– डॉ. बाबूदान बींजासर, अध्यक्ष – धाटपारकर वेलफेयर ऑगेनज़इजेशन केस 1 दुल्हन रह गई पाकिस्तान में
गिराब के महेन्द्रसिंह की शादी पाकिस्तान के सणाऊ में दो माह पूर्व हुई। महेन्द्र बारात लेकर गए थे, लेकिन दुल्हन को भारत का वीजा नहीं मिलने से पाकिस्तान से नहीं ला सके। अभी वे वीजा का प्रबंध कर ही रहे थे कि थार एक्सप्रेस रोक दी गई है। दुल्हन (छगनकंवर) की यह पहली तीज है और उसका ‘चांद’ भारत में रह गया है। ऐसी ही स्थिति जैसलमेर के नेपालसिंह और विक्रमसिंह की भी शादी दो माह पूर्व हुई और दुल्हन अभी पाकिस्तान में है।
गिराब के महेन्द्रसिंह की शादी पाकिस्तान के सणाऊ में दो माह पूर्व हुई। महेन्द्र बारात लेकर गए थे, लेकिन दुल्हन को भारत का वीजा नहीं मिलने से पाकिस्तान से नहीं ला सके। अभी वे वीजा का प्रबंध कर ही रहे थे कि थार एक्सप्रेस रोक दी गई है। दुल्हन (छगनकंवर) की यह पहली तीज है और उसका ‘चांद’ भारत में रह गया है। ऐसी ही स्थिति जैसलमेर के नेपालसिंह और विक्रमसिंह की भी शादी दो माह पूर्व हुई और दुल्हन अभी पाकिस्तान में है।
केस-2 राखी बांधने आई बहन तीज को नहीं लौट सकी पाक
– भाई को राखी बांधने पाकिस्तान से आई दरियाकंवर जोधपुर में है। उसको शुक्रवार को पाकिस्तान जाना था, लेकिन रेल रद्द हो गई। तीज पर पूरा परिवार इंतजार कर रहा था। अब घर वालों को संदेश भेजा गया है कि रेल चलेगी तब आएगी। वह कहती है तीज की पूजा भी अब यहीं से करेगी।
केस 3 29 साल से गुम है लक्ष्मी का चांद
– 1985 में जब भारत-पाक के बीच तारबंदी नहीं थी, सीमावर्ती धनाऊ गांव का भगूसिंह खेत में बकरियां चराने गया और पाक की सरहद में घुस गया। उसके बाद से नहीं लौटा है। पत्नी लक्ष्मीकंवर 29 साल से उसके लौटने का इंतजार कर रही है। हर कजली तीज पर पति के लिए व्रत रखती है। भगूसिंह की पैरवी में 2011 में तात्कालीन जिला कलक्टर गौरव गोयल ने पत्र भी लिखा था, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं है।
– 1985 में जब भारत-पाक के बीच तारबंदी नहीं थी, सीमावर्ती धनाऊ गांव का भगूसिंह खेत में बकरियां चराने गया और पाक की सरहद में घुस गया। उसके बाद से नहीं लौटा है। पत्नी लक्ष्मीकंवर 29 साल से उसके लौटने का इंतजार कर रही है। हर कजली तीज पर पति के लिए व्रत रखती है। भगूसिंह की पैरवी में 2011 में तात्कालीन जिला कलक्टर गौरव गोयल ने पत्र भी लिखा था, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं है।