-आधा घंटे में यूपी, मप्र और राजस्थान बरसात शुरू होने से वहां काफी संख्या में हरी घास उग आई है, जिससे टेकरी पर छिपा अपराधी इटावा के रास्ते तीन राज्यों की सीमाओं को जोडऩे वाले आगरा सेंटर को उसने अपनी मंजिल बनाया है। यह वो जगह है, जहां से सिर्फ 30 मिनट के वक्त में उत्तर प्रदेश से मध्यप्रदेश और राजस्थान में आया और जाया जा सकता है। इसी के चलते विकास दुबे के नेपाल भागने की कम ही उम्मीद जताई जा रही है।
-चीन विवाद के चलते नेपाल बॉर्डर पर सख्त पहरा दूसरी वजह यह भी है कि चीन विवाद के चलते इस वक्त नेपाल बॉर्डर पर सख्त पहरा है। पहले भी कुख्यात अपराधी इस तीन राज्यों की सीमाओं वाले इस सेंटर का फायदा उठा चुके हैं। गौरतलब रहे कि स्पेशल टास्क फोर्स के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस के 40 थानों का फोर्स विकास दुबे की तलाश में है। आठ पुलिस वालों की हत्या और 2.50 लाख रुपए के इनामी फिर भी विकास दुबे को मोस्टवांटेड अपराधी घोषित नहीं किया गया है।
-औरैया में आखिरी लोकेशन ट्रेस सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से औरैया में विकास दुबे की आखिरी लोकेशन ट्रेस हुई है, तो उससे बहुत संभावना है कि उसने इटावा के रास्ते चंबल के बीहड़ का रास्ता पकड़ लिया हो। बीहड़ के अंदर से होते हुए आगरा तथा वहां से चंबल में पहुंचा जा सकता है। आगरा पहुंचने के बाद मध्यप्रदेश और राजस्थान में दाखिल होना आसान है।
-मिलीभगत के चलते दो राज्यों की पुलिस में समन्वय मुश्किल कुख्यात अपराधियों के मामले में अक्सर देखा गया है कि मिलीभगत के चलते दो राज्यों की पुलिस में समन्वय बनना मुश्किल हो जाता है या फिर दूसरे राज्य की पुलिस दिखावे के लिए अपने यहां तलाशी अभियान चलाती है, लेकिन अपराधी उसके यहां छिपा बैठा रहता है। बीहड़ के कितने ही बागी इस झोल का फायदा उठाकर आतंक का खूनी खेल खेलते रहे हैं। दूसरी बात यह भी है कि बारिश के मौसम में चंबल नदी में पानी आ जाता है। बारिश के चलते हरियाली भी उग आती है। ऐसे में अगर चंबल की किसी टेकरी के पास से पुलिस के 10 ट्रक भी गुजर जाएं तो यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि टेकरी के पीछे कौन छिपा बैठा है।