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राजस्थान के यह मंत्री बोले, प्यार से गर्दन ले लो, जबरन कुछ नहीं

locationजयपुरPublished: Jul 29, 2021 01:56:38 pm

Submitted by:

Sameer Sharma

सीएम-माकन की रात को मंत्रणा, डिनर पॉलिटिक्स आज

राजस्थान के यह मंत्री बोले, प्यार से गर्दन ले लो, जबरन कुछ नहीं

राजस्थान के यह मंत्री बोले, प्यार से गर्दन ले लो, जबरन कुछ नहीं

जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सत्ताधारी विधायकों के साथ रायशुमारी के बाद बीती रात को माकन मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ देर रात तक मंत्रणा की। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दूसरे दिन की रायशुमारी खत्म होने के बाद माकन और सभी मंत्री व विधायकों का मुख्यमंत्री निवास पर डिनर रखा गया है। रायशुमारी के बाद मीडिया से बातचीत में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सचिन पायलट खेमे से अशोक गहलोत खेमे में आने और अब राजनीतिक संतुलन की चुनौती के सवाल पर कहा है कि प्यार से कोई मेरी गर्दन भी ले सकता है, लेकिन जबरन मांगे तो कुछ नहीं दूंगा। मैं जहां हूं, वहां ठीक हूं। लेकिन यह भी बता दूं मैं रोड पर रहा हूं, मैं रोड का आदमी हूं।

ये भी मिले सीएम से
मुख्यमंत्री ने सीएमआर पहुंच शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, सुखराम बिश्नोई, उदयलाल आंजना, अर्जुन बामणिया, सालेह मोहम्मद, भंवर सिंह भाटी ने भी मुलाकत की।
मंथन है जारी

गौरतलब है कि राजस्थान कांग्रेस में ढाई साल पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए विवाद के चलते एक-एक विधायक का मन टटोला गया था, ठीक उसी तरह अब पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन विधायकों का मन टटोल रहे हैं। फर्क यह है कि पहले मुख्यमंत्री पद के लिए जबकि अब सरकार की योजनाओं, मंत्रियों के कामकाज और सत्ता में फिर से लौटने के रास्तों के साथ ही संगठन विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए विधायकों से नाम लिए जा रहे हैं।
दो दिवसीय इस रायशुमारी में पहले दिन 12 जिलों के विधायकों से वन-टू-वन करीब 8 घंटे तक फीडबैक लिया गया। हर विधायक को 6 से 7 मिनट में करीब सात सवालों पर राय पूछी गई। इस दौरान प्रभारी मंत्रियों को लेकर ज्यादातर विधायकों ने शिकायत की। सचिन पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने तो जयपुर के प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल के लिए यहां तक कह दिया कि वह मंत्रियों में हीरो जरूर हैं लेकिन प्रभारी मंत्रियों में जीरो हैं। फीडबैक कार्यक्रम से प्रदेश के सभी नेताओं को दूर रखा गया है। माकन अपने निजी सचिव के साथ अकेले कमरे में बात कर रहे हैं। सभी की राय को उनके निजी सचिव ने हाथों-हाथ विधायकों के सामने ही कम्प्यूटर दर्ज भी किया। मंत्रिमंडल पुनर्गठन से ठीक पहले विधानसभा में शुरू हुए इस रायशुमारी कार्यक्रम में सबसे पहले प्रभारी माकन ने जयपुर जिले के विधायकों का मन टटोला। माकन ने सीधे तौर पर सत्ता-संगठन को लेकर हर विधायक से करीब सात सवाल पूछे। कुछ विधायकों ने सरकार के कामकाज की तारीफ की तो कुछ ने नाराजगी जताई। जिलों के प्रभारी मंत्रियों की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर अधिकांश विधायकों ने नाराजगी जताई। फीडबैक देने के बाद बाहर आए कुछ विधायकों का मीडिया ने मन टटोला तो यह बात सामने आई। हालांकि ज्यादातर विधायक मीडिया से बचकर निकल गए।
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