इसके विपरीत राज्य सरकार ने हाल ही में चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा आयोजित की, जिसमें बैठे लगभग 3500 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 735 की नियुक्ति सूची जारी की है तथा शेष आवश्यकता की पूर्ति के लिए इनसे कम अनुभवी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न्स को सेवाएं देने के आदेश जारी किए हैं, जिससे प्रदेश के डिग्री धारी डॉक्टर्स बहुत निराश हैं।
पारदर्शी और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत
सराफ ने कहा है कि इस महामारी से लड़ाई में राज्य सरकार को गंभीरतापूर्वक कुछ दूरदर्शी एवं प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। कोरोना त्रासदी से जंग जीतने के संकल्प को मजबूती देने के लिए हमारे प्रयासों और तैयारियों में कोई कमी ना रहे, इसलिए मेरी मांग है कि इस संकट के समय प्रदेश और मानवता की सेवा करने को तैयार इन डॉक्टर्स को जो भर्ती परीक्षा में बैठे थे। उन सभी 35 सौ अभ्यर्थियों एवं अन्य डिग्री धारी नर्सिंग कर्मियों को सीधी नियुक्ति दी जाए, जिससे इस महामारी को नियंत्रित करने में ये कोरोना वारियर्स पूरी लगन से काम कर सकें।