ये दो टीम…
1. महाराष्ट्र, गुजरात- महाराष्ट्र में मुंबई और गुजरात के वडोदरा में जाएंगे। टीम मुंबई पहुंच चुकी है। इसमें अधीक्षण अभियंता उमेश गुप्ता, उर्जा विकास निगम के सीसओए डी.के. जैन, अधिशासी अभियंता पी.के. गुप्ता और राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के प्रवीण कुमार शामिल हैं।
2. पंजाब, मध्यप्रदेश- यहां अधीक्षण अभियंता (कॉमर्शियल) आर.के. शर्मा और अधिशासी अभियंता बी.एल. गुप्ता को भेजा गया है। इन्होंने फिलहाल पंजाब की टैरिफ पॉलिसी का अध्ययन किया है।
पॉवर इंटेन्सिव श्रेणी और टीओडी
1. टैक्सटाइल व स्टील उद्योग की अब अलग श्रेणी…
टैरिफ पिटिशन में महंगी बिजली के कारण बड़े उद्योगों के प्रदेश से बाहर पलायन करने के डर का असर नजर आया है। इसी कारण बड़े उद्योगों के लिए अलग से पॉवर इंटेन्सिव श्रेणी बनाई गई है। इसमें मुख्य रूप से टैक्सटाइल, स्टील उद्योग व क्लोरोएल्केलाइन को रखा गया है। इनकी विद्युत दर में 1.30 रूपए प्रति यूनिट तक कमी का प्रस्ताव है। अभी इनसे 7.30 रूपए प्रति यूनिट दर ली जा रही है। इसके अलावा अन्य उद्योग में विद्युत दर में कमी या बढ़ाने की जरूरत नहीं मानी है।
आपत्ति- टैरिफ पिटिशन की जनसुनवाई में आपत्ति आई। कई उद्योगपतियों ने प्रस्ताव में केवल तीन ही उद्योग टैक्सटाइल, स्टील उद्योग व क्लोरोएल्केलाइन को शामिल करने का कारण पूछा। अन्य उद्योगों को भी शामिल करने की जरूरत जताई।
1. महाराष्ट्र, गुजरात- महाराष्ट्र में मुंबई और गुजरात के वडोदरा में जाएंगे। टीम मुंबई पहुंच चुकी है। इसमें अधीक्षण अभियंता उमेश गुप्ता, उर्जा विकास निगम के सीसओए डी.के. जैन, अधिशासी अभियंता पी.के. गुप्ता और राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के प्रवीण कुमार शामिल हैं।
2. पंजाब, मध्यप्रदेश- यहां अधीक्षण अभियंता (कॉमर्शियल) आर.के. शर्मा और अधिशासी अभियंता बी.एल. गुप्ता को भेजा गया है। इन्होंने फिलहाल पंजाब की टैरिफ पॉलिसी का अध्ययन किया है।
पॉवर इंटेन्सिव श्रेणी और टीओडी
1. टैक्सटाइल व स्टील उद्योग की अब अलग श्रेणी…
टैरिफ पिटिशन में महंगी बिजली के कारण बड़े उद्योगों के प्रदेश से बाहर पलायन करने के डर का असर नजर आया है। इसी कारण बड़े उद्योगों के लिए अलग से पॉवर इंटेन्सिव श्रेणी बनाई गई है। इसमें मुख्य रूप से टैक्सटाइल, स्टील उद्योग व क्लोरोएल्केलाइन को रखा गया है। इनकी विद्युत दर में 1.30 रूपए प्रति यूनिट तक कमी का प्रस्ताव है। अभी इनसे 7.30 रूपए प्रति यूनिट दर ली जा रही है। इसके अलावा अन्य उद्योग में विद्युत दर में कमी या बढ़ाने की जरूरत नहीं मानी है।
आपत्ति- टैरिफ पिटिशन की जनसुनवाई में आपत्ति आई। कई उद्योगपतियों ने प्रस्ताव में केवल तीन ही उद्योग टैक्सटाइल, स्टील उद्योग व क्लोरोएल्केलाइन को शामिल करने का कारण पूछा। अन्य उद्योगों को भी शामिल करने की जरूरत जताई।
2. रात में 10 फीसदी सस्ती बिजली, सुबह 4 घंटे काम तो सरचार्ज से लेंगे वापिस..
पहली बार टाइम ऑफ डे (टीओडी) टेरिफ का प्रस्ताव है। इसमें रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक उद्योग संचालन पर 10 फीसदी सस्ती बिजली मिलेगी। लेकिन, यदि सुबह 7 से 11 बजे तक संचालन किया तो 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाकर पेनल्टी वसूली जाएगी। कारण, रात में बिजली सरप्लस होती है और डिस्कॉम चाहता है कि सरप्लस बिजली का उपयोग हो। जबकि बाकी समय साामन्य दर रहेगी।
आपत्ति- उद्योग संचालनकर्ताओं ने इसे एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से लेने वाली…स्थिति बताई है। गुजरात में टीओडी के तहत रात को बिजली सस्ती दी जा रही है, लेकिन सरचार्ज नहीं लिया जा रहा। इसका हवाला भी जनसुनवाई में दिया गया।
पहली बार टाइम ऑफ डे (टीओडी) टेरिफ का प्रस्ताव है। इसमें रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक उद्योग संचालन पर 10 फीसदी सस्ती बिजली मिलेगी। लेकिन, यदि सुबह 7 से 11 बजे तक संचालन किया तो 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाकर पेनल्टी वसूली जाएगी। कारण, रात में बिजली सरप्लस होती है और डिस्कॉम चाहता है कि सरप्लस बिजली का उपयोग हो। जबकि बाकी समय साामन्य दर रहेगी।
आपत्ति- उद्योग संचालनकर्ताओं ने इसे एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से लेने वाली…स्थिति बताई है। गुजरात में टीओडी के तहत रात को बिजली सस्ती दी जा रही है, लेकिन सरचार्ज नहीं लिया जा रहा। इसका हवाला भी जनसुनवाई में दिया गया।
आयोग लागू करने की तैयारी में…
जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम की टैरिफ पिटिशन पर सुनवाई के बाद राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग अब इसे फाइनल करने की तैयारी कर रहा है। चर्चा है कि अगले दस दिन में बिजली की नई दरें लागू हो सकती हैं। हालांकि, सरकार की मंशा है कि पंचायत चुनाव तक कैसे भी इसे टाला जा सके लेकिन पहले ही 10 माह देरी हो चुकी है। ऐसे में डिस्कॉम्स से टाल पाने में असमर्थता जताई है। कारण, तीनों डिस्कॉम्स पर हर माह 475 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आ रहा है।
जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम की टैरिफ पिटिशन पर सुनवाई के बाद राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग अब इसे फाइनल करने की तैयारी कर रहा है। चर्चा है कि अगले दस दिन में बिजली की नई दरें लागू हो सकती हैं। हालांकि, सरकार की मंशा है कि पंचायत चुनाव तक कैसे भी इसे टाला जा सके लेकिन पहले ही 10 माह देरी हो चुकी है। ऐसे में डिस्कॉम्स से टाल पाने में असमर्थता जताई है। कारण, तीनों डिस्कॉम्स पर हर माह 475 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आ रहा है।