अध्यक्ष दिग्विजय ढबारिया ने बताया कि पीएचडीसीसीआई उद्योग और सरकार के साथ प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर वेबिनार में विचार-विमर्श उद्योग के पर्यावरण और सुरक्षा चिंताओं को दूर करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे संजय अग्रवाल ने कहा कि आज उद्योगों को कई समस्याओं और मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। अवधारणा के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने बताया कि जब सीईटीपी में अपशिष्टों का इलाज किया जा सकता है तो एक कॉमन बॉयलर से स्टीम की आपूर्ति क्यों नहीं की जा सकती है। उन्होंने राजस्थान सरकार की प्रगतिशील औद्योगिक विकास नीतियों और स्थायी औद्योगिक विकास के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उद्योग अनुकूल दृष्टिकोण की भी सराहना की।
राजस्थान चैप्टर के सह-अध्यक्ष श्री सुनील दत्त गोयल ने विशिष्ट अतिथियों और प्रख्यात वक्ताओं का परिचय दिया। श्री गोयल ने अवधारणा के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह उद्योग के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने में एक सकारात्मक प्रयास होगा ।
वीडियो कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे संजय अग्रवाल ने कहा कि आज उद्योगों को कई समस्याओं और मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। अवधारणा के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने बताया कि जब सीईटीपी में अपशिष्टों का इलाज किया जा सकता है तो एक कॉमन बॉयलर से स्टीम की आपूर्ति क्यों नहीं की जा सकती है। उन्होंने राजस्थान सरकार की प्रगतिशील औद्योगिक विकास नीतियों और स्थायी औद्योगिक विकास के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उद्योग अनुकूल दृष्टिकोण की भी सराहना की।
राजस्थान चैप्टर के सह-अध्यक्ष श्री सुनील दत्त गोयल ने विशिष्ट अतिथियों और प्रख्यात वक्ताओं का परिचय दिया। श्री गोयल ने अवधारणा के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह उद्योग के लिए व्यापार करने की लागत को कम करने में एक सकारात्मक प्रयास होगा ।
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. वीके सिंघल ने कॉमन बॉयलर के नवचार की महत्ता को बताते हुए कहा की इससे औद्योगिक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण में भारी कमी आएगी। उन्होंने आगे बताया की इस नवाचार के फलस्वरूप प्रदुषण रहित उत्पादन की संभावना बढ़ेगी एवं सेपी (SEPI) स्कोर को 70 से नीचे लाया जा सकेगा।