पुलिस के टोल फ्री नम्बर पर कर सकते है शिकायत-
लाठर ने कहा कि आमजन राजस्थान पुलिस के टोल फ्री नम्बर 100, 112, 1090 अथवा ट्वीटर हैण्डल या वॉट्सएप के जरिए आपराधिक गतिविधियों के संबंध में तत्काल जानकारी देकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पुलिस जानकारी प्राप्त होते ही अपना कार्य प्रारम्भ कर देती है। लाठर ने महिला अत्याचार से संबंधित घटनाओं के सम्बन्ध में कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक घटनाएं भरोसे का हनन करने के कारण होती हैं। रिश्तेदारों, नियोजनकर्ताओं, पड़ोसियों अथवा मित्रतावश बने रिश्तों का भरोसा तोड़ने से इस तरह की शर्मनाक घटनाएं होती हैं। उन्होंने बालिकाओं पर प्रतिबंध लगाने के बजाय लड़कों को भी संस्कारवान बनाने एवं उनकी गतिविधियों पर सतर्कता से निगाह रखने की आवश्यकता बताई।
लाठर ने कहा कि आमजन राजस्थान पुलिस के टोल फ्री नम्बर 100, 112, 1090 अथवा ट्वीटर हैण्डल या वॉट्सएप के जरिए आपराधिक गतिविधियों के संबंध में तत्काल जानकारी देकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पुलिस जानकारी प्राप्त होते ही अपना कार्य प्रारम्भ कर देती है। लाठर ने महिला अत्याचार से संबंधित घटनाओं के सम्बन्ध में कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक घटनाएं भरोसे का हनन करने के कारण होती हैं। रिश्तेदारों, नियोजनकर्ताओं, पड़ोसियों अथवा मित्रतावश बने रिश्तों का भरोसा तोड़ने से इस तरह की शर्मनाक घटनाएं होती हैं। उन्होंने बालिकाओं पर प्रतिबंध लगाने के बजाय लड़कों को भी संस्कारवान बनाने एवं उनकी गतिविधियों पर सतर्कता से निगाह रखने की आवश्यकता बताई।
आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाते समय बताए सच्चाई-
लाठर ने अपील करते हुए कहा कि आमजन आपराधिक प्रकरणों में दर्ज करवाते समय वास्तविक तथ्य ही बताए। झूठे मामले क्रोस एग्जामिनेशन के दौरान अदालतों में धाराशाही हो जाते हैं। उन्होंने सीएलजी की तर्ज पर प्रारम्भ की जा रही सुरक्षा सखी योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 01 जनवरी, 2020 से महिला शक्ति आत्मरक्षा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। वेबसाईट पर पंजीयन करवाकर इन केन्द्रों से आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता हैं।
लाठर ने अपील करते हुए कहा कि आमजन आपराधिक प्रकरणों में दर्ज करवाते समय वास्तविक तथ्य ही बताए। झूठे मामले क्रोस एग्जामिनेशन के दौरान अदालतों में धाराशाही हो जाते हैं। उन्होंने सीएलजी की तर्ज पर प्रारम्भ की जा रही सुरक्षा सखी योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 01 जनवरी, 2020 से महिला शक्ति आत्मरक्षा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। वेबसाईट पर पंजीयन करवाकर इन केन्द्रों से आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता हैं।
थानों में लगेंगे कैमरे-
लाठर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक थाने में न्यूनतम 06-06 सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में कुल पुलिस बल में इस समय करीब 10 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं। महिला अत्याचार से सम्बन्धित मामलों की पूछताछ प्राथमिकता से महिला कार्मिकों द्वारा ही की जाती है। गवाही के लिए महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों से उनके द्वारा बताए गए समय व स्थान पर ही पूछताछ की जा सकती हैं।
लाठर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रत्येक थाने में न्यूनतम 06-06 सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में कुल पुलिस बल में इस समय करीब 10 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत हैं। महिला अत्याचार से सम्बन्धित मामलों की पूछताछ प्राथमिकता से महिला कार्मिकों द्वारा ही की जाती है। गवाही के लिए महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों से उनके द्वारा बताए गए समय व स्थान पर ही पूछताछ की जा सकती हैं।
सिटीजन एप की सेवाओं का उठाए लाभ-
राजस्थान पुलिस सिटीजन एप की सेवाओं का पूरा लाभ उठाने का आग्रह करते हुए लाठर ने कहा कि इस एप को डाउनलोड कर अपनी सुरक्षा को और सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह, नाता प्रथा, डायन प्रथा आदि कुरीतियां आपराधिक घटनाओं का जन्म देती हैं। आमजन के सहयोग से इन कुरीतियों से बचा जा सकता है। लाठर ने कहा कि सामान्यतया पुलिसकर्मी अनुशासित तरीके से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, हालांकि कुछ गंदी मछलियों के कारण संगठन बदनाम होता है। अवांछित गतिविधियों में लिप्त पुलिस कर्मियों के विरुद्व सख्त कार्यवाही करते हुए उन्हें बर्खास्त तक किया गया हैं।
राजस्थान पुलिस सिटीजन एप की सेवाओं का पूरा लाभ उठाने का आग्रह करते हुए लाठर ने कहा कि इस एप को डाउनलोड कर अपनी सुरक्षा को और सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह, नाता प्रथा, डायन प्रथा आदि कुरीतियां आपराधिक घटनाओं का जन्म देती हैं। आमजन के सहयोग से इन कुरीतियों से बचा जा सकता है। लाठर ने कहा कि सामान्यतया पुलिसकर्मी अनुशासित तरीके से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, हालांकि कुछ गंदी मछलियों के कारण संगठन बदनाम होता है। अवांछित गतिविधियों में लिप्त पुलिस कर्मियों के विरुद्व सख्त कार्यवाही करते हुए उन्हें बर्खास्त तक किया गया हैं।