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प्रदेशभर के स्कूलों में स्कूल सुरक्षा के लिए लगेंगे डिस्पले बोर्ड

locationजयपुरPublished: Feb 24, 2020 09:43:47 am

Submitted by:

MOHIT SHARMA

हर स्कूल को मिलेंगे 500 रुपए, 28 फरवरी तक लगाने हैं बोर्ड, हर स्कूल को देना हेगा उपयोगिता प्रमाण पत्र

Display boards will be set up for school safety in schools

प्रदेशभर के स्कूलों में स्कूल सुरक्षा के लिए लगेंगे डिस्पले बोर्ड

जयपुर। प्रदेशभर के सभी सरकारी स्कूलों में अब विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए डिस्पले बोर्ड लगाने होंगे। इस बोर्ड पर सुरक्षा से संबंधित जानकारी देनी होगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि विद्यालय सुरक्षा एक जटिल विषय हैं, इसके तहत विद्यार्थियों को शारीरिक दण्ड, मानसिक प्रताड़ना, शारीरिक हिंसा, लैंगिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक हिंसी से बचाना लक्ष्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के सभी सरकारी स्कूलों में डिस्पले बोर्ड लगाने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय को 500 रुपए दिए जाएंगे।
ऐसा होगा डिस्पले बोर्ड
स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों में डिस्पले बोर्ड लगाए जाएंगे। यह बोर्ड स्कूल की दीवार पर बनाया जाएगा, जो 6 फीट लंबा और 4 फीट चौड़ा होगा। इस पर आॅयल पेंट से लिखाया जाएगा। बेस का रंग हल्का आसमानी और अक्षरों का रंग गहरा नीला होगा। प्रदेश के सभी स्कूलों को 28 फरवरी तक डिस्पले बोर्ड तैयार कराने होंगे। सभी स्कूल इसके लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद को देंगे।
ये जानकारी होगी बोर्ड पर
डिस्पले बोर्ड पर लिखना होगा स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत बाल सुरक्षा। आपातकालीन फोन नंबर, संस्था प्रधान का नाम, बाल सुरक्षा प्रभारी दो शिक्षकों के नाम जिनमें एक महिला होगी। स्थानीय पुलिस थाने के नंबर, पुलिस कंट्रोल रूम, एम्बूलेंस, गरिमा हेल्प लाईन, चाइल्ड हेल्प लाईन और स्थानीय चिकित्सालय के नंबर लिखने होंगे।
बोर्ड पर विद्यार्थियों के लिए जानकारी दी जाएगी, जिसमें बताया जाएगा कि यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति स्कूल में दिखे तो शिक्षक को इसकी जानकारी दें, स्कूल से बाहर जाते समय उसकी जानकारी शिक्षक व अभिभावकों को देकर जाएं, कोई व्यक्ति गलत तरीके से छुए तो उसकी भी जानकारी दें।
इसके साथ ही यह भी बताना होगा कि विद्यार्थी क्या नहीं करें। विद्यार्थी किसी अनजान व्यक्ति के साथ अकेले नहीं जाएं। अनजान से टॉफी,चाकलेट आदि नहीं लें। कोई परेशानी हो तो शिक्षक और परिजनों को जरूर बताएं।
शिक्षक-अभिभावक भी ध्यान दें
बच्चा कुछ बताए तो बिना कोई प्रतिक्रिया दिए उसकी बात ध्यान से सुनें, बच्चे पर दोषारोपण नहीं करें उस पर विश्वास करें, बच्चे को बहादुर बताने हुए उसकी प्रशंसा करे, बच्चे का साथ दें, उसे पीड़ित या अपराधी होने का अहसास न होने दें।
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