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नियुक्तियों को लेकर विवाद, उच्च न्यायालय ने जारी किए नोटिस

locationजयपुरPublished: Jul 08, 2020 10:19:00 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

चयनित को नियुक्ति देने पर प्रमुख कार्मिक सचिव से मांगा जवाब
बिना नोटिस नौकरी से निकालने पर उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब
होमगार्ड भर्ती पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

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जयपुर।


राजस्थान उच्च न्यायालय ने सचिवालय की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती—12 में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख कार्मिक सचिव व प्रशासनिक सचिव से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता बजरंग लाल जाड़ोतिया के अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि उनका चयन 14 अक्टूबर 2016 को जारी हुई अंतिम वरीयता सूची में हुआ था। लेकिन उसको आवेदन पत्र व इंटरव्यू के समय किए गए हस्ताक्षर अलग-अलग होने के कारण नियुक्ति नहीं दी। केवल इतनी से गलती के आधार पर किसी को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है यह मनमाना कदम है। जिस पर न्यायाधीश एसपी शर्मा ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बिना नोटिस नौकरी से निकालने पर उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

बिना नोटिस नौकरी से निकालने पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी मांगा जवाब है। राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा 2013 के ऐसे अभ्य र्थी जिनके पास आवेदन की अंतिम तारीख तक तय योग्यता नहीं थी उनको नौकरी से निकाल दिया था। प्रेमचंद लोधा व अन्य ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रघुनंदन शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में आवेदन की अंतिम तारीख तक योग्यता नहीं रखने वालों को हटाने का फैसला दिया है लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ता पक्षकार नहीं थे और विभाग को हटाने से पहले अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करना चाहिए था बिना पक्ष सुने किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती है। इस पर न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
होमगार्ड भर्ती पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

होमगार्ड समंवय समिति की याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने गृह विभाग के सचिव, डीजीपी होमगार्ड सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। समिति के अधिवक्ता परिक्षित सिंह शेखावत ने कहा कि वर्तमान में कार्यरत होमगार्ड को पूरे साल काम नहीं दिया जा रहा है। इसी के साथ नियमानुसार वर्तमान में कार्यरत होमगार्ड स्वयंसेवक को 70 फीसदी तक काम दिए पर ही नई भर्ती हो सकती है लेकिन कोविड—19 जैसी स्थितियों में भी इसकी पालना नहीं हो सकी है। जिस पर न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने नोटिस जारी जवाब तलब किया है।
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