एक पैर से सिल दिए 300 मास्क..
कल्याण राम का योगदान को कोरोना के मैदान.ए.जंग में न सिर्फ सराहनीय है बल्कि स्मरणीय भी रहेगा, क्योंकि कल्याणराम दिव्यांग होने के कारण एक पैर बिल्कुल काम नहीं करता है इसके बाद भी उसने दूसरे पैर से मशीन चलाकर 300 मास्क से ज्यादा की सिलाई करके लोगों को बाँट दिए हैं। दिव्यांग पिछले 20 साल से चौसला में टेलरिंग की दुकान है। लॉकडाउन में भी रोज बनगढ़ गांव से ट्राई साईकिल चलाकर 10 किलोमीटर दूर चौसला आकर मास्क की सिलाई कर रहा है। कल्याणराम ने कहा कि लोगों की जरूरत के मुताबिक आगे भी निशुल्क सेवा कार्य जारी रहेगा।
कल्याण राम का योगदान को कोरोना के मैदान.ए.जंग में न सिर्फ सराहनीय है बल्कि स्मरणीय भी रहेगा, क्योंकि कल्याणराम दिव्यांग होने के कारण एक पैर बिल्कुल काम नहीं करता है इसके बाद भी उसने दूसरे पैर से मशीन चलाकर 300 मास्क से ज्यादा की सिलाई करके लोगों को बाँट दिए हैं। दिव्यांग पिछले 20 साल से चौसला में टेलरिंग की दुकान है। लॉकडाउन में भी रोज बनगढ़ गांव से ट्राई साईकिल चलाकर 10 किलोमीटर दूर चौसला आकर मास्क की सिलाई कर रहा है। कल्याणराम ने कहा कि लोगों की जरूरत के मुताबिक आगे भी निशुल्क सेवा कार्य जारी रहेगा।
सोचा मानव सेवा कर लेता हूं..
कल्याणराम ने बताया कि अभी लॉकडाउन के कारण घर में फ्री बैठा था मन में विचार आया कि क्यों न इस समय को लोगों की सेवा में लगा दें। यही सोचकर मेरी तरफ से एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है दिव्यांग मास्क वितरण करने के साथ लोगों को जागरुक भी कर रहा है। गौरतलब है कि कल्याणराम पहले भी समय.समय पर आगे आकर सामाजिक कार्य में भूमिका निभाता रहा है।
कल्याणराम ने बताया कि अभी लॉकडाउन के कारण घर में फ्री बैठा था मन में विचार आया कि क्यों न इस समय को लोगों की सेवा में लगा दें। यही सोचकर मेरी तरफ से एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है दिव्यांग मास्क वितरण करने के साथ लोगों को जागरुक भी कर रहा है। गौरतलब है कि कल्याणराम पहले भी समय.समय पर आगे आकर सामाजिक कार्य में भूमिका निभाता रहा है।