जयपुर

मिलावट का धंधा या बंद आंखों का खेल

Diwali 2019 : Rajasthan में Diwali Festival पर ही Adulterated Mawa की रोकथाम को लेकर Campaign चलाया जाता है। इसकी पुख्ता रोकथाम के प्रयास आज तक नहीं हुआ। नकली Mawa and Milk Cake में मिलावट को लेकर एेसे पदार्थ मिलाए जाते हैं जिनसे भविष्य में Serious Diseases के होने का खतरा रहता है।

जयपुरOct 23, 2019 / 08:39 pm

Anil Chauchan

Cheap Mawa comes from Gujarat in bhilwara

Diwali 2019 : जयपुर . प्रदेश ( Rajasthan ) में त्योहार ( Diwali Festival ) पर ही नकली मावे ( Adulterated Mawa ) की रोकथाम को लेकर अभियान ( Campaign ) चलाया जाता है। इसकी पुख्ता रोकथाम के प्रयास आज तक नहीं हुआ। नकली मावे व मिल्क केक ( Mawa and Milk Cake ) में मिलावट को लेकर एेसे पदार्थ मिलाए जाते हैं जिनसे भविष्य में गंभीर बीमारियों ( Serious Diseases ) के होने का खतरा रहता है।

प्रदेश में मिलावटी मावा व मिल्क केक बनाने वालों की भरमार है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनकी रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। या यू कहें कि मिलावट का धंधा दिनों दिन फूल रहा है और स्वास्थ्य महमका अपनी आंखें बंद कर मिलावट का धंधा रोकने का खेल, खेल रहा है। हाल यह है कि कई हजार किलो मिलावटी मावा व मिल्क केक पकड़ा जा चुका है, इसके बाद भी इस धंधे में लिप्त लोगों के हौसले बुलंद हैं। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि हमारे कानून में लचीलापन होने के कारण दोषियों पर पूरी कार्रवाई नहीं हो पाती है। दोष सिद्ध होने के बाद भी दोषी व्यक्ति बच निकलते हैं और वापस मिलावट के इस धंधे को अपना मूल व्यवसाय बना लेते हैं।

मिलावटी मावा शरीर को काफी नुकसान पहुंचाता है। नकली मावे से बनने वाली मिठाइयों से कई गंभीर बीमारियां होती है, जिसमें कैंसर भी शामिल है। डॉक्टरों ने भी इस बात को साफ तौर पर स्वीकारा है कि नकली मावे से बनी मिठाइयों से उल्टीए दस्तए यहां तक की आंतों का कैंसर भी हो जाता है। बच्चों के लिए यह काफी नुकसान दायक होती है।

उधर स्वास्थ्य विभाग की लेबोरेट्रीज में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है लेकिन 14 दिन में रिपोर्ट नहीं आती है, जिससे मिलावट खोर बच निकलते हैं।

मिलावट के धंधे में लिप्त लोगों के हौंसले हो रहे हैं बुलंद
स्वास्थ्य विभाग का सात दिन का अभियान फिर इतिश्री
हर बार त्योहार पर ही जागता है स्वास्थ्य विभाग
मिलावट में पॉम ऑयल व घटिया मिल्क केक का इस्तेमाल
कैंसे करते हैं मिल्क केक में मिलावट -:
मिलावटी मिल्क केक बनाने के लिए सोयाबीन या फिर पॉम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें चिनी की जगह लिक्वड ग्लूकोज मिलाया जाता है। यह इसलिए किया जाता है ताकि मिल्क केक में हल्का खिंचाव सा महसूस हो और लोग इसे असली मिल्क केक समझें। जो मिल्क पाउडर मिलाया जाता है वह भी निहायती घटिया क्वालिटी का होता है। मिल्क केक थोड़ा खिला-खिला लगे इसलिए हाइड्रोजन परऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। एक खास बात यह भी रहती है कि बाजार में जिस भाव से असली मिल्क केक बेचा जाता है उसी भाव से ही यह मिलावटी मिल्क केक बेचा जाता है ताकि किसी को यह शक ना हो कि असली कौनसा है और नकली कौनसा है।
यूं करते हैं मावे में मिलावट -:
मिलावटी मावा बनाने के लिए मिल्क पाउडर और सोयाबीन तेल का इस्तेमाल किया जाता है। जो लोग बिलकुल ही हल्का मावा बनाते हैं वे सोयाबीन तेल की जगह पॉम ऑयल मिला लेते हैं। एेसे में इसकी लागत और भी कम हो जाती है। ज्यादा मिलावट या फिर बदबू को दूर करने के लिए कई तरह के फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है। मावा इस तरह से खिला हुआ होता है कि कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि यह नकली है या असली। क्वालिटी खराब होने के कारण यह मावा खराब जल्दी हो जाता है।

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