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Diwali 2019: पटाखे फोड़े तो होगी कार्रवाई! ज़रूर पढ़ें जयपुर कलक्टर का ‘No Crackers’ आदेश

locationजयपुरPublished: Oct 16, 2019 01:14:01 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

Diwali 2019: जयपुर जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ( Jagroop Singh Yadav ) ने आदेश जारी कर निर्देश दिए हैं कि जिले में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक पटाखों ( No Crackers ) का उपयोग नहीं किया जाए। प्रतिबंधित समय एवं शांत परिक्षेत्र स्थलों पर पटाखों का उपयोग वर्जित है।

Diwali 2019: Jaipur Collector Orders regarding crackers
जयपुर।

Diwali 2019: जयपुर जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ( Jaipur Collector Jagroop Singh Yadav ) ने आदेश जारी कर निर्देश दिए हैं कि जिले में रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक पटाखों का उपयोग नहीं ( No Crackers ) किया जाए। प्रतिबंधित समय एवं शांत परिक्षेत्र स्थलों पर पटाखों का उपयोग वर्जित है। इसके अतिरिक्त अन्य स्थलों पर विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक अवसरों पर सामूहिक रूप से सार्वजनिक स्थानों पर अत्यधिक प्रदूषक एवं ध्वनि विस्तारक आतिशबाजी के लिए संबंधित स्थानीय निकाय की अनापत्ति एवं संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट अथवा पुलिस उपायुक्त की पूर्वानुमति जरूरी होगी। यदि कोई आयोजक या व्यक्ति बगैर अनुमति के इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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आदेशानुसार पटाखे एवं आतिशबाजी से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के संबंध में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा 18 जुलाई 2015 को पारित निर्णय में पटाखों द्वारा तथा अन्य माध्यमों से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किये गए है।
इनके अनुसार रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा भी 11 जनवरी 2010 को अधिसूचना कर ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) (संशोधन नियम 2010 के नियम 5 क (2) में ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखें शांत परिक्षेत्र या रात्रि समय में नही चलाने का प्रावधान है।

आदेश के पीछे ये बताई वजह

यादव ने बताया कि अक्सर यह देखने में आता है कि विभिन्न त्योंहारों और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक समारोह के अवसर पर भारी मात्रा में अत्यधिक प्रदूषण कारक एवं ध्वनियुक्त अतिशबाजी, पटाखे चलाये जाते हैं। इससे न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है बल्कि वायु प्रदूषण की अत्यधिक मात्रा मे बढ़ जाता है। आतिशबाजी के कारण मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव तथा साथ ही बीमार व अस्थमा पीड़ित व्यक्तियों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों को पढ़ाई भी इस कारण प्रभावित होती है।

आमजन से अपील

जिला कलक्टर यादव ने सभी नागरिकों से निवेदन किया है कि निर्धारित प्रावधानों को देखते हुए ध्वनि एवं वायु प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों एवं अतिशबाजी का विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक अवसरों पर प्रयोग करने से बचें एवं अत्यधिक आवश्यकता होने पर उत्तरदायित्वपूर्ण न्यूनतम ग्रीन पटाखों का ही आतिशबाजी के लिए उपयोग करें।

…इधर, ध्वनि और वायु प्रदूषण की होगी जांच

दीपावली के अवसर पर प्रदेश में पटाखे व आतिशबाजी से होने वाले ध्वनि व वायु प्रदूषण से वातावरण को बचाने के लिए सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखों को प्रतिबधिंत करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में राजस्थान राज्य प्रदूषण मण्डल द्वारा राज्य में दीपावली पर्व के दौरान अनुश्रवण एवं वायु परिवीक्षा की जानी सुनिश्चित की गई है।
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दीपावली के अवसर पर ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए मण्डल द्वारा अलवर, बालोतरा, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बीकानेर, चित्तौड़गढ, जोधपुर, किशनगढ, कोटा, पाली, सीकर, उदयपुर, एवं जयपुर शहर में 21 अक्टूबर (दीपावली पूर्व) एवं 27 अक्टूबर को ध्वनि अनुश्रवण एव वायु में प्रदूषण स्तर की जांच की जाएगी।
प्रदूषण मण्डल द्वारा वायु की गुणवत्ता की जांच के लिए जयपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, एवं अलवर में वायु परिवीक्षा भी की जायेगी। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा इस संबंध कार्यवाही के लिए सभी जिला-कलेक्टरों को पत्र लिखा गया हैं।
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