कटारिया ने अपने पत्र में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव के 16 जून के आदेश का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि पहले महापौर, सभापति और अध्यक्ष के मांगने पर पत्रावली भिजवाई जाती थी, लेकिन विभाग के आदेश के बाद अब पत्रावली भेजने से पहले आयुक्त और अधिशासी अधिकारी की अनुमति लेनी होगी। इस आदेश से निकाय प्रमुखों को कमजोर करने का प्रयास किया गया है।
कटारिया ने लिखा है कि राजस्थान नगरपालिका पंचम संशोधन अधिनियम 2017 के तहत राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 43 में एक उपधारा जोड़कर निकाय प्रमुखों को अधिकारियों और कर्मचारियों पर नियंत्रण का अधिकार दिया गया है। निदेशक का नया आदेश इस अधिनियम की भावना के विपरित है। विरोधाभास होने की दशा में अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी माना जाता है, इसलिए 16 जून के इस आदेश को निरस्त किया जाए।