scriptनिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य एपीओ प्रावधान का कर रहे हैं दुरुपयोग—हाईकोर्ट | DMHS is misusing the provison of APO for posting at diffrent places | Patrika News

निदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य एपीओ प्रावधान का कर रहे हैं दुरुपयोग—हाईकोर्ट

locationजयपुरPublished: May 11, 2020 06:06:23 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य के (DMHS) निदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य (Transfer) ट्रांसफर पर (Saty) पाबंदी होने के बावजूद (Doctors) डॉक्टरों को (APO) एपीओ करके दूसरे स्थान पर (Posting) पोस्टिंग करके (Provison of APO) एपीओ के प्रावधान का (Misuse) दुरुपयोग कर रहे हैं।

जयपुर

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य के (DMHS) निदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य (Transfer) ट्रांसफर पर (Saty) पाबंदी होने के बावजूद (Doctors) डॉक्टरों को (APO) एपीओ करके दूसरे स्थान पर (Posting) पोस्टिंग करके (Provison of APO) एपीओ के प्रावधान का (Misuse) दुरुपयोग कर रहे हैं। कोर्ट ने निदेशक से हलफनामे पर बताने केा कहा है कि उन्होंने किस प्रावधान के तहत डॉक्टरों को एपीओ रखकर अलग—अलग स्थानों पर पोस्टिंग दी है। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह अंतरिम आदेश डॉ.पूजा चौधरी व एक अन्य याचिका पर दिए। कोर्ट ने दोनों ही मामलों में याचिकाकर्ताओं को वर्तमान स्थान पर काम करते रहने के निर्देश देते हुए उनके 24 अप्रेल,2020 के पोस्टिंग आदेश की क्रियान्विति को स्थगित कर दिया है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि राज्य सरकार ने ट्रांसफर रोक लगा रखी है,लेकिन विभाग ने इसके लिए अलग तरीका निकाल लिया है। इसके तहत पहले कर्मचारी को एपीओ किया जाता है और कुछ दिन बाद अलग—अलग स्थानों के लिए पोस्टिंग आदेश जारी कर दिए जाते हैं। जबकि एपीओ किए गए कर्मचारी या अधिकारी की पोस्टिंग राजस्थान सेवा नियम—25—ए के तहत ही हो सकते हैं। याचिकाकर्ता मुख्यालय में तैनात थीं,लेकिन पहले उन्हें एपीओ किया और बाद में चूरु जिले के रतनगढ में उनकी पोस्टिंग कर दी गई है।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा है कि प्रथमदृष्टया ही लग रहा है कि निदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य अलग—अलग स्थान पर पोस्टिंग करने के लिए एपीओ के प्रावधान का दुरुपयोग कर रहे हैं। कोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते याचिकाकर्ता के 24 अप्रेल के पोस्टिंग आदेश की क्रियान्विति स्थगित करते हुए वर्तमान स्थान पर ही कार्यरत रहने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 21 मई को रखी है।

ट्रेंडिंग वीडियो