राज्यपाल मिश्र शुक्रवार को राजभवन से कोविड-19 के बदलते परिदृश्य के तहत कृषि शिक्षा प्रणाली के सुदृढ़ीकरण की रणनीति पर आयोजित वेबिनार को वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस वेबिनार का आयोजन बीकानेर के स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की ओर से किया गया। राज्यपाल ने इस मौके पर कृषि मार्गदर्शिका 2020-21 का विमोचन किया। राज्यपाल ने समन्वित कृषि प्रणाली इकाई का भी उद्घाटन किया। इस वेबिनार से प्रदेश के दो हजार से अधिक कृषि वैज्ञानिक और छात्र-छात्राएं जुड़े। वेबिनार में स्वागत उद्बोधन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने किया। प्रो. एन.के. शर्मा ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल भी मौजूद थे।
सस्ती और टिकाऊ खेती ही अंतिम विकल्प
वेबिनार में राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में सस्ती और टिकाऊ खेती ही अंतिम विकल्प है। हमें अपनी परम्परागत कृषि विधियों की और लौटना होगा। उनके साथ नवीन कृषि प्रौद्योगिकी का इस तरह से समावेश करना होगा कि खेती की लागत कम हो सके। प्राकृतिक खेती के सिद्धान्तों को अपनाना होगा, जिससे लागत कम हो और मुनाफा अधिक हो, तब ही सही मायनों में हम कृषि को आजीविका का सर्वोत्तम आधार बना पाएंगे।