मंत्री की फटकार से खफा डॉक्टर ने पीडि़त से कहा, अब तेरा ईलाज यहां नहीं होगा
जयपुरPublished: May 05, 2015 10:19:00 am
विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनलाल गर्ग की फटकार के बाद डॉक्टर ने पीडि़त को
पहले भर्ती कर लिया और बाद में फिजीशियन की एडवाइज के बहाने जोधपुर रैफर
कर दिया।
विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनलाल गर्ग की फटकार के बाद डॉक्टर ने पीडि़त को पहले भर्ती कर लिया और बाद में फिजीशियन की एडवाइज के बहाने जोधपुर रैफर कर दिया। यही नहीं, डॉक्टर ने मरीज को प्रताडि़त भी किया और कहा कि तेरा इलाज अब यहां नहीं होगा।
मामला चार दिन पहरले उदलियावास गांव में किशोरी की छेड़छाड़ के बाद हुई मारपीट का है। किशोरी के परिजन छेड़छाड़ के आरोपितों को उलाहना देने उनके घर गए थे। जहां आरोपितों ने किशोरी के परिजनों की जमकर पिटाई कर कर दी। आरोपितों ने भगवानराम की टांगे तोड़ दी थी। भगवानराम को तो जोधपुर उपचार के लिए भेज दिया, लेकिन उसके भाई सेठाराम को यहीं रेफरल चिकित्सालय में भर्ती रखा।
रसूखदार आरोपियों ने सेठाराम का इलाज कर रहे डॉ. धर्मेन्द्र से मिलकर सेठाराम को चिकित्सालय से छुट्टी दिलवा दी। सिर की गंभीर चोट के कारण सेठाराम को बार-बार चक्कर आ रहे थे। बाद में गांव के बड़े-बुजुर्गो ने विधि मंत्री अजुर्नलाल गर्ग को पूरी कहानी बताई। मंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए डॉ. धर्मेन्द्र को फटकार लगाते हुए सेठाराम को पुन: चिकित्सालय में भर्ती करने का कहा था।
मंत्री की फटकार का निकाला गुस्सा
विधि एवं न्यायमंत्री अर्जुनलाल गर्ग की फटकार से गुस्साए डाक्टर धर्मेन्द्र ने सेठाराम को भर्ती कर लिया। लेकिन सेठाराम के माथे पर लगी चोटों को लेकर चिकित्सालय के फिजीशियन डॉ. से सलाह मांगते हुए सेठाराम को डॉ. कैलाश गर्ग के हवाले कर दिया। डॉ. कैलाश गर्ग ने पीडि़त सेठाराम को उसके सिटी स्केन कराने के लिए जोधपुर रैफर कर दिया।
…. तो क्यों दी छुट्टी
कस्बे में पूरे दिन यही चर्चा रही कि अगर सेठाराम के सिर में चाटे थी और सिटी स्केन कराना जरूरी था तो डॉ. धर्मेन्द्र ने पीडि़त को चिकित्सालय से छुट्टी देकर घर क्यों रवाना किया। जब मंत्री की फटकार लगी तो फिजीशियन की एडवाइज के बहाने जोधपुर रेफर क्यों किया।